गोपालगंज : तेजाब की बिक्री को लेकर कोर्ट सख्त है. कोर्ट की फटकार के बाद तेजाब खरीदने के लिए फोटो पहचान पत्र की अनिवार्यता लागू कर दी गयी है, लेकिन सवाल उठता है कि शहर की हर गली, सड़क पर खुलेआम तेजाब बेचने पर शिकंजा कैसे कसेगा. इस अवैध कारोबार पर नियंत्रण रखने की कोई योजना फिलहाल स्थानीय प्रशासन के पास नहीं नजर आ रही है.
नगर में ऐसा कोई इलाका नहीं है, जहां तेजाब की बिक्री नहीं हो रही है. शौचालय की सफाई के लिए बनाए जानेवाले तेजाब की बिक्री पंसारी व जेनरल स्टोर की दुकान तक पर हो रही है. स्कूल–कॉलेज की प्रयोगशालाओं और सोना–चांदी के आभूषण तैयार करने में तेजाब का प्रयोग होता है. कारोबारियों के अनुसार जिले में ही रोज तेजाब की खपत करीब 160 लीटर की है.
* ऐसे मिलता है लाइसेंस
तेजाब निर्माण या बेचने के लिए केंद्र सरकार के अधीन एक्सप्लोसिव विभाग लाइसेंस जारी करता है. लाइसेंस के लिए इससे संबंधित जिले के डीएम की एनओसी जरूरी है. गोपालगंज में एक भी लाइसेंसी नहीं है, जबकि बिक्री सैकडों स्थानों पर हो रही है.