– राजेशपांडेय –
रसोइया के बेहोश होने पर खुद भी प्रधानाध्यापिका ने पीया पानी
कुचायकोट : सारण के धर्मासती गंडामन में मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत की आग अभी शांत भी नहीं हुई है कि यहां चापाकल में जहर डाल कर जिले की शांति व्यवस्था में आग लगाने का प्रयास किया जा रहा है.
मासूम बच्चों की जान लेने पर कुछ लोग आमादा हैं, यहां तो हेडमास्टर की सजगता से सैकड़ों बच्चों की जान बच गयी. थोड़ी सी भी चूक हुई रहती तो यहां सैकड़ों बच्चों की जान आफत में रहती. यह महज संयोग है कि मिड डे मील बनाने पहुंची रसोइया सुनैना देवी को प्यास लगती तो उसने चापाकल से पानी पी लिया.
खाना बनाने का काम आरंभ हो चुका था, तभी वह बेहोश होकर गिर पड़ी. उसके गिरते ही प्रधानाध्यापिका अहमदी खातून को समझ में आ गया कि पानी में जहर है. तब तक दर्जन भर बच्चे चापाकल से पानी पी चुके थे. हेडमास्टर दौड़ कर खुद पानी लेकर मुंह में डाला उसे तीखा लगा. पानी मुंह से फेंक दिया तब बच्चों को उल्टी शुरू होने लगी.
अहमदी तत्काल इसकी सूचना बीइओ मीरा कुमारी को दी और बच्चों को लेकर सदर अस्पताल निकल पड़ी. यहां प्रधानाध्यापक अगर सजगता नहीं बरतती तो बड़ी घटना होने से रोकना मुश्किल था. चापाकल के पानी में जहर होने की बात आग की तरह फैल गयी.बच्चे स्कूल से काफी खौफजदा स्थिति में घर भाग गये.
पूरे गांव में चापाकल में जहर होने की बात को लेकर दिन भर चर्चा होती रही. नवसृजित प्राथमिक विद्यालय आसन्दी में चापाकल से पानी पीने के बाद स्कूली बच्चों की हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल में बच्चों को देखने आये अभिभावकों ने सरकार की मध्याह्न् भोजन योजना पर अपनी नाराजगी जाहिर की.
कई लोगों ने मध्याह्न् भोजन को बंद करने को लेकर आवाज उठायी ,तो कई लोगों ने पढ़ाई को खिलवाड़ बनाने की बातें कहीं .अभिभावकों में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश भी था.