बैकुंठपुर : प्रखंड के दर्जनों गांवों में गंडक की तबाही हर साल होती है. त्रस्त लोगों के बीच राहत को लेकर सवाल खड़ किये जाते हैं. दियारे में बसे लोग हर साल बाढ़ से तबाह होते हैं. कटाव व बाढ़ का सिलसिला कई वर्षो से जारी है.
इसके चलते कितने लोगों की जान–माल की क्षति भी हुई है. यहां सारण बांध व छरकियों के निचले हिस्से में बसे गांवों में बाढ़ व कटाव की हल्ला हर साल मचती है. हर साल सैकड़ों लोगों के घर व जमीन नदी में डूब जाते हैं. इससे विस्थापितों की संख्या काफी बढ़ी है. तटवर्ती घरों में हर साल नदी का पानी प्रवेश कर जाता है.
इसके बावजूद बाढ़ व कटाव पर रोक को लेकर ठोस कदम समय रहते नहीं उठाया जाता है. इस कारण रोकथाम नहीं हो पाती है. प्रशासन के लोग बताते हैं कि नदी क्षेत्र में बसे गांव बाढ़ से ग्रस्त होते है.
सपा नेता रविरंजन उर्फ विजय बहादुर यादव बताते हैं कि दियारे इलाके में गरीब बसते हैं. बाढ़ आने पर दो रोटी पर मुहताज हो जाते हैं. बांध पर महीनों शरण लेनी पड़ती है. अन्न ,पानी ,आराम सपना सा प्रतीत होता है. प्रशासनिक राहत की उम्मीद लगी रहती है. प्रशासन की सुने तो नदी के निचले भाग में बसे लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थान पर जाने का निर्देश दिया जाता है. पर लोग हटते नहीं है. बाढ़ आने पर परेशानी बढ़ जाती है.