17वीं शताब्दी में हुआ था गोपाल मंदिर का निर्माण गोपाल मंदिर के नाम पर ही है जिले का नामकरण 13 बीघे में फैला है मंदिर का रमणीक परिसर संवाददाता, हथुआफोटो 16हथुआ बाजार के बीचों- बीच स्थित ऐतिहासिक गोपाल मंदिर पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो रहा है. पर्यटकों से मंदिर का विशाल परिसर इन दिनों गुलजार है. 13 बीघे में फैला मंदिर का विशाल परिसर, भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति एवं विशाल रमणीक तालाब लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. दूर दराज से लोग प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में मंदिर घूमने आते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में स्थित इस प्राचीन मंदिर एवं तालाब की नक्काशी व वास्तुकला देख कर आने वाले लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं. 17वीं शताब्दी के आसपास इस ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण हुआ था. लंबे समय तक उपेक्षित पड़े इस आकर्षक मंदिर का कायाकल्प 90 के दशक से शुरू हुआ. मंदिर में सुबह दर्शन करने वालों का तांता लगा रहता है. दूर-दराज से खरीदारी करने हथुआ आने वाले ग्रामीण मंदिर परिसर में पेड़ों के नीचे बैठ कर घंटों समय व्यतीत करते हैं. संध्या में बड़ी संख्या में लोग सपरिवार परिसर में पहुंच कर शांतिपूर्ण माहौल में आनंद लेते हैं. वहीं, लग्न शुरू होने पर कई परिवारों के लोग आ कर अपने बच्चे -बच्चियों का रिश्ता तय करते हैं तथा मांगलिक रस्म अदायगी भी होती है. परिसर को आकर्षक फूलों से सजाया गया है. इसके अलावा साफ -सफाई पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है. मंदिर परिसर में 21 सोलर लाइटें लगायी गयी हंै. वर्ष भर विभिन्न उत्सवों को मंदिर में धूमधाम से मनाया जाता है. मंदिर में होनेवाले श्री कृष्ण जन्मोत्सव एवं छठियार उत्सव में भागीदारी के लिए जिले से लाखों लोग हथुआ पहुंचते हंै.
पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो रहा हथुआ गोपाल मंदिर
17वीं शताब्दी में हुआ था गोपाल मंदिर का निर्माण गोपाल मंदिर के नाम पर ही है जिले का नामकरण 13 बीघे में फैला है मंदिर का रमणीक परिसर संवाददाता, हथुआफोटो 16हथुआ बाजार के बीचों- बीच स्थित ऐतिहासिक गोपाल मंदिर पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो रहा है. पर्यटकों से मंदिर का विशाल परिसर इन […]
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