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पहला सिलिंडर बुक कराते ही खाते में 558
सिलिंडर की डिलिवरी के 72 घंटे में खाते में सब्सिडी नॉन सब्सिडी सिलिंडर की कीमत प्रतिमाह बदलती रहेगी गोपालगंज : नये साल से शहर में डीबीटीएल योजना लागू हो गयी है. आधार के जरिये रसोई गैस एजेंसी व बैंक से लिंक हो चुके करीब छह हजार उपभोक्ताओं को साल के पहले दिन पूरी कीमत देकर […]
सिलिंडर की डिलिवरी के 72 घंटे में खाते में सब्सिडी
नॉन सब्सिडी सिलिंडर की कीमत प्रतिमाह बदलती रहेगी
गोपालगंज : नये साल से शहर में डीबीटीएल योजना लागू हो गयी है. आधार के जरिये रसोई गैस एजेंसी व बैंक से लिंक हो चुके करीब छह हजार उपभोक्ताओं को साल के पहले दिन पूरी कीमत देकर सिलिंडर लेना होगा. इसके लिए एजेंसी संचालकों ने नॉन सब्सिडी के सिलिंडर मंगा लिये हैं. नये साल पर शहर की गैस एजेंसियों के सॉफ्टवेयर में 1.50 लाख उपभोक्ताओं के खाते डीबीटीएल से लिंक हो जायेंगे.
योजना से लिंक हो चुके उपभोक्ता सिलिंडर की बुकिंग करायेंगे, तो उनके खाते में 558 रु पये पहुंच जायेंगे. सिलिंडर की डिलिवरी मिलने के 72 घंटे बाद उनके बैंक खाते में सब्सिडी की धनराशि भी पहुंच जायेगी. यह राशि नॉन सब्सिडी व सब्सिडी सिलिंडरों के बीच का अंतर होगी. नॉन सब्सिडी सिलिंडर की कीमत प्रतिमाह बदलती रहती है.
पहला सिलिंडर 201 रु पये में : जनवरी में नॉन सब्सिडी सिलिंडर की कीमत 759 रु पये तय की गयी है. ऐसे में गैस बुक कराते ही उपभोक्ता के खाते में 558 रु पये आ जायेंगे. इस तरह उपभोक्ता को पहला सिलिंडर 201 रु पये में पड़ेगा, क्योंकि डिलिवरी मिलने के 72 घंटे बाद खाते में सब्सिडी की राशि भी आ जायेगी.
इसलिए शुरू की गयी योजना : सिलिंडरों की कालाबाजारी रोकने और कीमत में एकरूपता लाने के लिए पेट्रोलियम मंत्रलय ने डीबीटीएल (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर ऑफ एलपीजी) योजना लागू की है. इसके बाद बाजार में सिलिंडर की दो कीमतें कॉमर्शियल और नॉन सब्सिडी ही रहेगी.
लिंक कराओ, वरना नहीं मिलेगा सिलिंडर!
गोपालगंज : शहर में गैस उपभोक्ताओं के साथ ऐसी घटना होना आम बात हो गयी है. डीबीटीएल (डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर ऑफ एलपीजी) योजना से लिंक होने के लिए उपभोक्ताओं पर एजेंसी संचालक दबाव बना रहे हैं. उपभोक्ताओं से साफ कहा जा रहा है कि योजना से लिंक कराओ, वरना सिलिंडर नहीं मिलेगा. वहीं, कंपनियों ने मार्च, 2015 तक का समय बतौर ग्रेस पीरियड उपभोक्ताओं को दिया है.
इसके बावजूद उपभोक्ताओं को परेशान किया ज रहा है. बताते चलें कि वर्तमान में शहर में 1.36 लाख उपभोक्ता हैं. इनमें 71 हजार उपभोक्ता एजेंसियों से फॉर्म ले जा चुके हैं. इनमें करीब 52 हजार उपभोक्ता डीबीटीएल से लिंक हो गये हैं लेकिन बैंक से लिंक होनेवाले उपभोक्ताओं की संख्या इसकी आधी है. यही कारण है कि एजेंसी संचालक लगातार उपभोक्ताओं पर दबाव बना रहे हैं.
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