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स्टोर में सड़ रहा है करोड़ों का सामान

* प्राथमिक उपचार तक सिमट कर रह गया सदर अस्पतालगोपालगंज : जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल पहुंचते ही लोग कांप उठते हैं. एक तरफ अस्पताल में इलाज के अभाव में मरीज तड़पते रहते हैं. वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर इलाज के बदले मरीजों को रेफर कर देते है. रेफर मरीज को बाहर ले जाने के लिए […]

* प्राथमिक उपचार तक सिमट कर रह गया सदर अस्पताल
गोपालगंज : जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल पहुंचते ही लोग कांप उठते हैं. एक तरफ अस्पताल में इलाज के अभाव में मरीज तड़पते रहते हैं. वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर इलाज के बदले मरीजों को रेफर कर देते है. रेफर मरीज को बाहर ले जाने के लिए एंबुलेंस खोजने, गोरखपुर या पटना ले जाने में काफी विलंब हो जाता है, जिससे उनकी हालत और बिगड़ जाती है

यहां प्राथमिकी उपचार तक बेहतर ढंग से करना उचित नहीं समझा जाता. यहां संसाधन की कमी बता कर डॉक्टर मरीजों को रेफर करते हैं, लेकिन सच्चई इसके उल्टा है. करोड़ों रुपये की मशीन अस्पताल के लिए खरीदी गयी थी, जिसमें काफी कमीशनखोरी भी हुई. आज तक इन मशीनों को आइसीयू के भवन में गोदाम में बंद कर रखा गया है. किसी को इतना भी वक्त नहीं कि गोदाम में सड़ रही मशीनों का उपयोग मरीजों की जान बचाने के लिए किया जाय.

डीएम कृष्ण मोहन ने अस्पताल में आइसीयू का उद्घाटन तो कर दिये, लेकिन यहां सड़ रही मशीनों पर डीएम की नजर नहीं गयी. जब प्रभात खबर के संवाददाता अरुण मिश्र तथा छायाकार जफर असद ने अस्पताल के इन सच्चइयों को सामने लाने का प्रयास किया है.

* स्टोर में सड़ रही करोड़ों की मशीन
यह आइसीयू का भवन है. बड़े ही सोच के साथ यहां आइसीयू का भवन 2005 में बनाने का निर्णय लिया गया था. एनएच 28 के कारण सड़क हादसे एवं अन्य मामलों को लेकर बेहतर इलाज के लिए आइसीयू की जरूरत महसूस की गयी थी. इसके लिए करोड़ों की मशीनें खरीदी गयीं. इलाज के लिए आज तक इन मशीनों का उपयोग नहीं हुआ. ये मशीन आइसीयू के कमरे में वर्षो से सड़ रही है. इन मशीनों की खरीद में बड़े पैमाने पर कमीशनखोरी हुई. ये मशीन उपयोग नहीं होने के कारण स्टोर में शोभा की वस्तु बनी हुई है.

* स्टोर में बंद पड़ा है कचरे का डिब्बा
यह नजारा देख कर आप भी आश्चर्य में पड़ जायेंगे. अस्पताल में जगह -जगह चारों तरफ कचरा सड़क पर दिन भर फैला रहता है. सूअर कचरों के बीच अपना डेरा डाले रहते हैं, लेकिन जरा आइसीयू के स्टोर रूम को देखिये तो यहां एक नहीं कई कचरा रखनेवाला डिब्बा (डस्टबीन ) पड़ा हुआ है.

* बेकार पड़ा है ऑक्सीजन सिलिंडर
ऑक्सीजन के अभाव में पिछले सप्ताह दो मासूम बच्चों की मौत के कारण अस्पताल में तोड़फोड़ और हंगामा हुआ. यहां आज भी सिलिंडर से दो -दो मरीजों को ऑक्सीनज दिया जाता है. ऑक्सीजन की भारी कमी मरीजों के बीच दिखायी जाती है. यह तसवीर देखिए. वर्षो से यहां दर्जनों से अधिक ऑक्सीजन गैस सिलिंडर बेकार पड़ा हुआ है.

* शौचालय भी है खराब
आइसीयू के गेट पर बनाये गये यूरिनल खराब है. पाइप नहीं होने के कारण यहीं यूजलेस होकर रह गया है. आलम यह है कि भवन के निर्माण में भी धांधली बरती गयी है. हालांकि डीपीएम विशाल कुमार ने कहा कि यूरिनल की जरूरत गेट पर नहीं है यहां सुरक्षा गार्ड तैनात किया जायेगा.

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