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डेंगू की चपेट में राजद के पूर्व विधायक भी

गोपालगंज : शहर में डेंगू का वायरस तेजी से फैल रहा है. पिछले दो दिनों में 17 नये मरीजों में डेंगू के लक्षण पाये गये हैं. जंगलिया के रहनेवाले राजद के जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक रेयाजुल हक राजू समेत 10 लोगों की हालत गंभीर है. पूर्व विधायक को पटना के रॉबिन अस्पताल में भर्ती कराया […]

गोपालगंज : शहर में डेंगू का वायरस तेजी से फैल रहा है. पिछले दो दिनों में 17 नये मरीजों में डेंगू के लक्षण पाये गये हैं. जंगलिया के रहनेवाले राजद के जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक रेयाजुल हक राजू समेत 10 लोगों की हालत गंभीर है. पूर्व विधायक को पटना के रॉबिन अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. शुक्रवार को सदर अस्पताल और नर्सिंग होम से सात लोगों को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया है.

रामपुर की बिमला देवी, सरेया की रमावती देवी, राजेंद्र नगर के सात वर्षीय मोहित को रेफर किया गया है. इन सभी में डेंगू के लक्षण मिले हैं. बैकुंठपुर के आजबीनगर के मुकुल कुमार की हालत गंभीर होने पर बरौली के डॉ आरपी सिन्हा के यहां भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. मुकुल अपने रिश्तेदार बढ़ेया के प्रमोद तिवारी के यहां छ पूजा में शामिल होने आया था. डॉ सिन्हा के अस्पताल में अब तक 26 मरीजों में डेंगू के लक्षण मिल चुके हैं. सभी खतरे से बाहर हैं.

आम बुखार में भी डेंगू के भय से दहशत : शहर में तेजी से फैल रहे डेंगू के वायरस के बाद भी एंटी लार्वा मारने के लिए फॉगिंग नहीं हो रही है. नगर पर्षद और स्वास्थ्य विभाग को कोई परवाह नहीं है. लोगों में दहशत का माहौल है. बुखार की चपेट में हर घर के लोग आ रहे हैं. लोग डेंगू के भय से साधारण बुखार को भी डेंगू समझ कर जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं.
सदर अस्पताल में नहीं जांच की किट : डेंगू की जांच के लिए सदर अस्पताल में किट नहीं है. डेंगू की जांच के लिए प्राइवेट जांचघारों पर ही निर्भर रहना पड़ता है. प्राइवेट जांच पर डॉक्टरों को भरोसा करके इलाज करना पड़ रहा है. सदर अस्पताल में जांच की सुविधा नहीं होने के कारण गरीब मरीजों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल सूत्रों की मानें, तो पीएमसीएच में भी डेंगू की जांच के लिए किट नहीं है.
कैसे फैलता है डेंगू : मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के डंक मारने से होनेवाले संक्रमण से डेंगू फैलता है. यह मच्छर दिन में डंक मारता है, तो रक्त में डेंगू के वायरस प्रवेश कर जाते हैं. 8 से 10 दिनों में रोग के लक्षण दिखने लगते हैं.
जागरूकता ही बचाव : डेंगू विषाणु (वायरस) जनित रोग है. इसके वाहक एडीज मच्छरों की दो प्रजातियां हैं. इनमें चार प्रकार के वायरस (एक, दो, तीन, चार) होते हैं. डेंगू मच्छर (एडीज) दिन में काटता है और डेढ़-दो फुट की ऊंचाई पर देखा जा सकता है. इस मच्छर पर सफेद रंग के चकत्ते होते हैं और यह जमा पानी वाली जगह पर पाये जाते हैं.
ऐसे होगा बचाव
घर, स्कूल व ऑफिस के आसपास पानी एकत्र न होने दें.
जलभराव होने पर उसमें मिट्टी तेल या जला मोबिल आयल डालें.
कूलर का पानी साफ कर बंद करें.
मिट्टी का तेल या जले मोबिल आयल का छिड़काव करें.
मच्छरदानी का प्रयोग, शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें.
छतों पर टायर व पुराने बर्तनों में जलभराव न होने दें.
कूलर आदि का पानी समय-समय पर बदलते रहें.
घर की बगल में गड्ढों व खाली प्लॉटों में जलभराव न होने दें.
मच्छरदानी का करें प्रयोग
पूरी बाह के कपड़े पहनें
घर की खिड़कियों, रोशनदान पर महीन जाली लगवाएं
बुखार आदि आने पर चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार रक्त संबंधी जांच कराएं.
डेंगू-मलेरिया से रहें सावधान : डॉ एसएन झा के मुताबिक मलेरिया व डेंगू के प्रति भी लोग सावधान रहें. जरा सी लापरवाही में मच्छरजनित बीमारियां जानलेवा साबित हो सकती हैं. ऐसे में डेंगू व मलेरिया से खास सतर्कता बरतने की जरूरत है.
डेंगू से डरने की जरूरत नहीं
हर बुखार डेंगू नहीं हो सकता है. आम बुखार में भी प्लेटलेंट्स गिरता है. एक लाख से नीचे प्लेटलेट्स होने पर चिंता की बात होती है. लोगों को दहशत में नहीं आना चाहिए. बुखार होने पर सिर्फ क्रोसिन तीन टाइम देने की जरूरत है. सदर अस्पताल में इलाज की सुविधा है. जांच के लिए किट नहीं है. विभाग को रोज रिपोर्ट भेजी जा रही है.
डॉ चंद्रिका प्रसाद, डीएमओ, स्वास्थ्य विभाग

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