27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिले के 72 फीसदी आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय नहीं

केंद्र में शौचालय नहीं होने से खुले में शौच करते हैं बच्चे शौचालय नहीं रहने से स्वच्छता अभियान नहीं हो रहा सफल गोपालगंज : जिले के करीब 72 फीसदी आंगनबाड़ी केंद्र शौचालय विहीन हैं. इन केंद्रों में शौचालय नहीं है और इससे बच्चों, सेविकाओं व सहायिकाओं को काफी परेशानी होती है. जिले के 14 प्रखंडों […]

केंद्र में शौचालय नहीं होने से खुले में शौच करते हैं बच्चे

शौचालय नहीं रहने से स्वच्छता अभियान नहीं हो रहा सफल
गोपालगंज : जिले के करीब 72 फीसदी आंगनबाड़ी केंद्र शौचालय विहीन हैं. इन केंद्रों में शौचालय नहीं है और इससे बच्चों, सेविकाओं व सहायिकाओं को काफी परेशानी होती है. जिले के 14 प्रखंडों में कुल 2464 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. इनमें से महज 678 केंद्रों में ही शौचालय हैं और 1786 केंद्रों में शौचालय नहीं है. इन केंद्रों में शौचालय नहीं रहने से भारत स्वच्छ अभियान भी सफल नहीं हो पा रहा है. वहीं केंद्र में नामांकित बच्चे , कार्यरत सेविकाएं व सहायिकाएं शौच आदि के लिए खुले में जाने को मजबूर हैं. इससे गंदगी फैलती है और बीमारियां भी पैर पसारती हैं. शौचालय विहीन केंद्रों में शौचालय बनाने के लिए जिला प्रशासन भी उचित कार्रवाई नहीं कर रहा है. पिछले कई वर्ष से केंद्रों में शौचालय नहीं है. वहीं, प्रशासन ने अब जाकर सेविकाओं से शौचालय विहीन केंद्रों की सूची की मांग की है.
678 केंद्रों में ही हैं शौचालय : जिले में स्थापित 2464 आंगनबाड़ी केंद्रों में से महज 678 केंद्रों में ही शौचालय हैं. जिले के बैकुंठपुर प्रखंड में 53, सिधवलिया में 31, बरौली में 31, मांझा में 30, गोपालगंज में 41, थावे में 46, कुचायकोट में 106, हथुआ में 62, उचकागांव में 50, फुलवरिया में 10, भोरे में 44, विजयीपुर में 64, कटेया में 69 और पंचदेवरी में 41 केंद्रों में शौचालय हैं. इन प्रखंडों के अन्य केंद्रों में शौचालय नहीं है. इससे बच्चों, सेविकाओं व सहायिकाओं को परेशानी होती है.
1189 केंद्रों में शुद्ध पेयजल नहीं : जिले के 1189 आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं की गयी है. कुल 2464 केंद्रों में से महज 1275 केंद्रों पर ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है. जिले के बैकुंठपुर प्रखंड में 53, सिधवलिया में 76, बरौली में 126, मांझा में 199, गोपालगंज में 78, थावे में 69, कुचायकोट में 136, हथुआ में 150, उचकागांव में 117, फुलवरिया में छह, भोरे में 58, विजयीपुर में 86, कटेया में 73 और पंचदेवरी में 48 केंद्रों में ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गयी है. जबकि ,इन प्रखंडों के अन्य केंद्रों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है. इससे बच्चों, सेविकाओं व सहायिकाओं को परेशानी होती है और उन्हें या तो अपने घर से या आसपास स्थित चापाकलों पर जाना पड़ता है.
एक नजर
2464 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं जिले में
678 केंद्रों में है शौचालय
1786 केंद्रों में नहीं है शौचालय
क्या कहते हैं अधिकारी
सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को शौचालययुक्त करने के लिए सेविकाओं से रिपोर्ट की मांग की गयी है. रिपोर्ट आने के बाद शौचालय बनवाने का काम शुरू करा दिया जायेगा.
परमानंद साह, डीपीओ, आइसीडीएस

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें