19 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बुधवार को बड़े बेटे जतिन का था बर्थडे

उचकागांव. कृष्णा शाही का पूरा परिवार पटना में रहता था. बुधवार को बेटे जतिन का बर्थ-डे था. कृष्णा को बर्थ-डे सेलिब्रेट करने के लिए जाना था. लेकिन, मौत ने उन्हें मांझा गांव में खींच कर ले गया. हत्या के बाद परिजन सदमे में हैं. बेटे को पिता की हत्या की खबर तक नहीं थी. शाम […]

उचकागांव. कृष्णा शाही का पूरा परिवार पटना में रहता था. बुधवार को बेटे जतिन का बर्थ-डे था. कृष्णा को बर्थ-डे सेलिब्रेट करने के लिए जाना था. लेकिन, मौत ने उन्हें मांझा गांव में खींच कर ले गया. हत्या के बाद परिजन सदमे में हैं. बेटे को पिता की हत्या की खबर तक नहीं थी. शाम को जैसे ही परिजनों ने इसकी जानकारी दी, जतिन सदमे में आ गया.
िपता की हत्या के बाद पाया था मुकाम : पिता की हत्या से बेटे और उनका पूरा परिवार सदमे में है. बुधवार की सुबह की पहली किरण जब धरती पर पड़ी होगी, तो किसी ने नहीं सोचा होगा कि भाजपा के युवा नेता कृष्णा शाही इस दुनिया से विदा ले चुके होंगे.
चेहरे पर हमेशा मुस्कान और गर्मजोशी से मिलना ही इनकी पहचान थी. संघर्ष की बदौलत ही कृष्णा ने अपनी पहचान बनायी थी. पिता किसान मैनेजर शाही की हत्या 1990 के दशक में माले कार्यकर्ताओं ने कर दी थी. जिस समय हत्या हुई थी, उस समय कृष्णा शाही और उनके दो बड़े भाई दिनेश शाही और उमेश शाही पढ़ाई कर रहे थे. पिता की हत्या के बाद हथुआ थाना क्षेत्र के चैनपुर गांव में एक नरसंहार हुआ था जिसमें तीन लोगों की हत्या कर दी गयी थी. इस कांड में तीनों भाइयों के नाम सामने आये थे. इसमें तीनों को जेल भेजा गया था.
जेल से छूटने के बाद कृष्णा शाही ने सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों में हिस्सा लेना शुरू किया. धीरे-धीरे उनकी पकड़ बनती गयी. इसी बीच उन्होंने अपने बड़े भाई उमेश शाही को चैनपुर पंचायत का मुखिया बनवाया. इसके कारण उसी पंचायत के व्यास यादव से अदावत हुई. बढ़ते प्रभाव के कारण कृष्णा शाही राजनीति के क्षेत्र में भी सक्रिय हुए. सबसे पहले मायावती की पार्टी बसपा में शामिल हुए. बसपा के टिकट पर उन्होंने हथुआ विधानसभा का चुनाव भी लड़ा. उसके बाद बाद उन्होंने लोजपा का दामन थाम लिया. लोजपा के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने के बाद कृष्णा ने भाजपा का दामन थाम लिया. युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय भी हुए.
बच्चों के साथ ली थी आखिरी सेल्फी
पत्नी शांता शाही चैनपुर पंचायत की मुखिया हैं. कृष्णा शाही के दो बच्चे भी हैं, जो अपनी मां के साथ पटना में रहते हैं. 15 जुलाई को पटना में कृष्णा शाही ने अपने दोनों बच्चों के साथ एक सेल्फी ली थी. शायद वह आखिरी सेल्फी थी. हत्या के समय भी शांता शाही पटना में ही थी.
मुखिया शांता शाही की उजड़ गयी दुनिया
उचकागांव. पति की हत्या से चैनपुर पंचायत की मुखिया शांता शाही की दुनिया ही उजड़ गयी. शांता को इस बात का भरोसा नहीं था कि उनके पति की हत्या कर दी गयी है. कृष्णा पर पहले भी कई बार हमले हो चुके थे, लेकिन हर बार उनकी जान बच गयी. इस बार ऐसा हमला किया गया, जिसमें न आवाज हुई और न ही गोली चली और उनकी मौत भी हो गयी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें