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चालू सत्र से शुरू होंगे पूर्णिया व पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय
पीजी के लिए शिक्षकों के पदों का होगा सृजन, तैयारी कर रहा शिक्षा विभाग पटना : राज्य के दो नये विश्वविद्यालय पाटलिपुत्र विवि और पूर्णिया विवि में पढ़ाई इसी साल नये सत्र से शुरू हो जायेगी. शिक्षा विभाग इसकी तैयारी कर रहा है. दोनों ही विश्वविद्यालयों के लिए 68-68 पदों पर अधिकारी व कर्मचारियों की […]
पीजी के लिए शिक्षकों के पदों का होगा सृजन, तैयारी कर रहा शिक्षा विभाग
पटना : राज्य के दो नये विश्वविद्यालय पाटलिपुत्र विवि और पूर्णिया विवि में पढ़ाई इसी साल नये सत्र से शुरू हो जायेगी. शिक्षा विभाग इसकी तैयारी कर रहा है. दोनों ही विश्वविद्यालयों के लिए 68-68 पदों पर अधिकारी व कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए पद सृजन का प्रस्ताव भेजा गया है.
अधिकारी व कर्मचारियों के पद जहां सृजित किये जायेंगे, वहीं, दोनों नये विश्वविद्यालयों में पीजी की पढ़ाई के लिए भी शिक्षकों के पद सृजित होंगे. इसके अलावा मगध विश्वविद्यालय से अलग होकर बन रहे पाटलिपुत्र विवि और बीएन मंडल विवि मधेपुरा से अलग होकर बन रहे पूर्णिया विवि के शिक्षक, कर्मचारी व छात्र के साथ कॉलेज नये विवि में शामिल होंगे. मगध विवि व बीएन मंडल विवि के अंगीभूत कॉलेजों के साथ संबद्धता प्राप्त कॉलेजों को जिला के आधार पर नये विश्वविद्यालयों को दिया जायेगा. नये विश्वविद्यालयों में नये सत्र के लिए नामांकन हो सकेगा.
जो सत्र चल रहे होंगे, उन्हें उनके पुराने विश्वविद्यालय से या फिर नये विवि में उनके दस्तावेज लाकर डिग्री दी जायेगी. इस सत्र से दोनों नये विश्वविद्यालय में पीजी की पढ़ाई शुरू होने में कठिनाई दिख रही है, लेकिन विभाग कॉलेजों के वरीय शिक्षकों व गेस्ट फैकल्टी के जरिये पीजी की पढ़ाई भी शुरू करने की तैयारी कर रहा है. पाटलिपुत्र विवि का मुख्यालय वर्तमान में पटना स्थित मगध विवि के क्षेत्रीय कार्यालय में होगा. वहीं, पूर्णिया कॉलेज पूर्णिया विवि का मुख्यालय होगा. उधर, तिलका मांझी विवि भागलपुर से अलग होकर बन रहे मुंगेर विश्वविद्यालय को भी जल्द खोलने की तैयारी की जा रही है.
राज्य सरकार ने दो निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को अपनी अनुमति दे दी है. मधुबनी के सुजौल में संदीप विश्वविद्यालय और नालंदा के बिहारशरीफ में केके विश्वविद्यालय स्थापित होगी. राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना जारी करने के साथ विश्वविद्यालय की स्थापना को हरी झंडी मिल जायेगी. दोनों ही विश्वविद्यालयों के भवन तैयार कर लिये गये हैं.
दोनों विश्वविद्यालय अपने-नियम परिनियम होंगे. अधिसूचना जारी करने के बाद सरकार दोनों ही विश्वविद्यालयों से उनका एक्ट, क्या-क्या पढ़ायेंगे, कैसे नियुक्ति होगी, क्या योग्यता होगी, कितनी सीटें होगी, फीस स्ट्रक्चर क्या होगा?, इसे लेगी. सरकार को लगेगा कि इसमें संशोधन की जरूरत है तो वह अपने स्तर से संशोधन करेगी और इसके बाद उसे मंजूरी देगी.
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