गया: मोबाइल सिम कार्ड बेचनेवाले दुकानदार होशियार हो जायें. जाली दस्तावेज के आधार पर सिम कार्ड बेचा, तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है. ऐसे ही एक दुकानदार को सिविल लाइंस थाने की पुलिस ने डीएम बाला मुरुगन डी और उनके सहायक रंजन कुमार को विष्णुपद व महाबोधि मंदिर को उड़ाने की धमकी देनेवाले के आरोप में न्यायालय में पेश कर सेंट्रल जेल भेज दिया.
शनिवार को एसएसपी निशांत कुमार तिवारी ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया किपटना जिले के मेहंदीगंज थाने क रानीपुर-रसूलपुर के रहनेवाले सन्नी कुमार मोबाइल सिम कार्ड की बिक्री करता है. दुकानदार सन्नी ने अपने पड़ोस में रहनेवाले राकेश कुमार को जाली दस्तावेज के आधार पर सिम कार्ड बेचा था. उक्त सिम को राकेश ने अपनी गर्ल फ्रेंड को दे दिया था. इस मामले में राकेश व उसकी गर्ल फ्रेंड के चाचा माधो प्रसाद सिन्हा को भी जेल भेजा गया है.
किराये पर मकान दिला कर बढ़ायी थी नजदीकी : एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार माधो प्रसाद सिन्हा खिजरसराय थाने के लोदीपुर गांव के रहनेवाले हैं. फिलहाल, वे अपने परिवार के साथ गया शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में रहते हैं. उनके बड़े भाई बेनी प्रसाद सिन्हा की दो बेटियां हैं. उन्होंने पटना में रानीपुर-रसूलपुर के रहनेवाले राकेश कुमार के सहयोग से किराये पर मकान लिया था. इसी कारण राकेश का बेनी प्रसाद सिन्हा के घर में आना-जाना बढ़ गया और उनकी एक बेटी से प्रेम प्रसंग संबंधित बातचीत शुरू हो गयी. इसकी भनक लड़की के चाचा माधो प्रसाद सिन्हा को लगी, तो लड़कों को फंसाने के लिए उसके मोबाइल फोन से डीएम को धमकी दे दी.
तीन से अधिक साल की हो सकती है सजा : कानून के विशेषज्ञ बताते हैं कि विष्णुपद व महाबोधि मंदिर को उड़ाने की धमकी देने के मामले में आरोपितों को तीन से अधिक वर्षो की सजा हो सकती है. एसएसपी ने बताया कि सात जुलाई 2013 को बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर व आसपास के विदेशी मोनास्टरी में हुए आतंकी हमले के बाद पुलिस सतर्क हो गयी है. हर सूचना को गंभीरता से ले रही है. आठ मार्च को विष्णुपद व महाबोधि मंदिर उड़ाने की धमकी देने के बाद सिविल लाइंस थाने में डीएम के ओएसडी विनोद कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस मामले की जांच के लिए गया से सब इंस्पेक्टर रामानुज राम व सब इंस्पेक्टर चंद्रशेखर सिंह सहित पटना जिले से रंगदारी सेल के पुलिस पदाधिकारियों की टीम बनायी गयी थी.