गया: पूर्व विधायक सह जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह ने मंगलवार को जदयू से अपना रिश्ता तोड़ लिया. औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से टिकट पाने की होड़ में शामिल श्री सिंह को निराशा दिखने लगी, तो वे पटना से गया लौट आये. यहां आने पर उन्होंने पत्रकारों के बीच जदयू को बाय-बाय करने का एलान कर दिया. उन्होंने कहा कि जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह व जदयू की नीतियों व कार्यक्रमों में विश्वास करके ही कई वर्षो से वह पार्टी के साथ थे.
उन्होंने औरंगाबाद सीट से पार्टी से टिकट की मांग की थी, आश्वासन भी मिला था. पर, अचानक हाल ही में पार्टी में शामिल हुए बागी कुमार वर्मा को टिकट मिलने की चर्चा होने लगी है. श्री सिंह ने कहा कि 1995 में वह गुरुआ से निर्दलीय चुनाव लड़ कर विधायक बने थे. उन्होंने कहा कि फिलहाल वह किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होंगे.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की जदयू प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है. वहां लोकतांत्रिक पार्टी जैसा कुछ भी नहीं है. नीतीश जी को जमीनी कार्यकर्ता नहीं, बल्कि पैसे वाला व इंपोर्टेड चापलूस नेता चाहिए. जिस व्यक्ति को टिकट देने जा रहे हैं, वह दो बार मखदुमपुर से व एक बार टिकारी विधान सभा से राजद की टिकट पर चुनाव हारा हुआ व्यक्ति है. बागी कुमार वर्मा ने राजद के बाद समता फिर राजद व जदयू फिर राजद और अब फिर जदयू का दामन थामा है. ऐसे मौका परस्त व दल-बदलू नेता का क्या भरोसा है. नीतीश जी ने उन्हें राजनैतिक धोखा दिया है. यूज एंड थ्रो करते हैं.