23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

समाज में विचारों व हितों का टकराव लाजिमी

गया : दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) द्वारा रेनेसां में गुरुवार को आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो संजय पासवान ने समान नागरिक संहिता की पुरजोर वकालत की. उन्होंने कहा कि समाज में विचारों व हितों का टकराव होना लाजिमी है. भारतीय समाज इसका अपवाद नहीं है, लेकिन सरकार की ओर […]

गया : दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) द्वारा रेनेसां में गुरुवार को आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो संजय पासवान ने समान नागरिक संहिता की पुरजोर वकालत की. उन्होंने कहा कि समाज में विचारों व हितों का टकराव होना लाजिमी है. भारतीय समाज इसका अपवाद नहीं है, लेकिन सरकार की ओर से सभी दलों व विभिन्न समुदायों के बीच आम सहमति बनाने की पुरजोर कोशिश जारी है. इसका परिणाम भी सामने आने लगा है.
उन्होंने दलों व समुदायों के बीच विस्तार संवाद की वकालत करते हुए कहा कि किसी भी समुदाय को यह नहीं सोचना चाहिए कि समान नागरिक संहिता लागू होने से पीड़ित पक्ष विक्टिम बन जायेगा व इसके उल्टे अन्य समुदायों को स्वयं को विजेता नहीं मान लेना चाहिए.
समान नागरिक संहिता के लिए व्यापक विमर्श पहली जरूरत : कार्यशाला को संबोधित करते हुए गांधी पीस फाउंडेशन के पूर्व अध्यक्ष सह पत्रकार कुमार प्रशांत ने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए व्यापक विमर्श पहली जरूरत है. इसका प्रचार-प्रसार विभिन्न माध्यमों से किया जाना चाहिए. समान नागरिक संहिता की जरूरत को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर किसी विशेष समुदाय की संहिता को थोप नहीं सकते, बल्कि यह धीरे-धीरे हो. इसके लिए जनमानस को तैयार करने की जरूरत है और लगातार प्रयास से जनमानस को तैयार किया जा सकता है. यही लोकतंत्र का नियम है, जो आज एक धर्म का स्वरूप ले चुका है. साहित्यिक घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने समान नागरिक संहिता और अबतक के इसके सफर की चर्चा की.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें