गया: शहर की सड़कों के बीच में खड़े यमराज रूपी बिजली के खंभे आये दिन किसी न किसी की जान ले रहे हैं. इन बिजली के खंभों से टकरा कर वाहन चालक अपनी जान गंवा रहे हैं. घटनाओं के बाद लोग शव के साथ सड़क जाम कर देते हैं. आवाजाही बंद हो जाती है. जरूरी कार्यो से जा रहे लोगों की परेशानी बढ़ जाती है. वहीं, पुलिस व सिविल प्रशासन को जाम हटाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ती है. कई मामलों में स्थिति काफी अनियंत्रित भी हो जाती है.
विभाग की लापरवाही की कीमत चुकाते लोग
सड़कों का चौड़ीकरण करते समय इस बात पर न तो बिजली विभाग और न ही पथ निर्माण विभाग ने ध्यान देना मुनासिब समझता है कि बिजली के खंभे को सड़क के किनारे लगा दिया जाये. सड़कें बन गयीं, ठेकेदार को रुपये मिल गये और काम समाप्त हुआ मान लिया जाता है. लेकिन, इस लापरवाही की कीमत लोग अपनी जान देकर चुकाते हैं.
एनएच पर भी कई खंभे
शहर की गलियों व सड़कों पर कौन पूछे, राष्ट्रीय राजमार्गो (एनएच) पर भी बिजली के खंभे सीना ताने खड़े रहते हैं. अति व्यस्त सड़क गया-बोधगया रिवर साइड रोड पर केंदुआ व खिरियावां के बीच एक मोड़ पर बिजली का खंभा मौत बन कर खड़ा है, जबकि इस सड़क से हर दिन प्रशासनिक अधिकारियों का आना-जाना होता है. इसी रास्ते से होकर बोधगया से राजगीर के लिए विदेशी पर्यटकों व विदेशी अधिकारियों व अति-विशिष्ट लोगों का आवागमन होता है. सड़कों पर बेतरतीब तरीके से खड़े बिजली के खंभों को देख कर विदेशी मेहमान क्या सोंचते होंगे, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
कहते हैं विभाग के अधिकारी
इस बारे में बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता विनोद प्रजापति ने कहा कि पथ निर्माण विभाग की ओर से हमारे पास बिजली के खंभे को हटाने के लिए प्रस्ताव आयेगा, इसके बाद उस पर काम किया जायेगा. उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.