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ट्रेन की चपेट में आने से ट्रैकमैन की मौत, हंगामा
गया/परैया: गया-मुगलसराय रेलखंड स्थित परैया स्टेशन के पास जमुने नदी रेल पुल के निकट शुक्रवार को एक ट्रैकमैन की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गयी. रेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, खरखुरा निवासी ट्रैकमैन सिकंदर कुमार 11 बजे दिन में पटरी में काम कर रहे थे. अप मेनलाइन में गया की […]
गया/परैया: गया-मुगलसराय रेलखंड स्थित परैया स्टेशन के पास जमुने नदी रेल पुल के निकट शुक्रवार को एक ट्रैकमैन की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गयी. रेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, खरखुरा निवासी ट्रैकमैन सिकंदर कुमार 11 बजे दिन में पटरी में काम कर रहे थे. अप मेनलाइन में गया की तरफ से पारसनाथ एक्सप्रेस आ रही थी, जो घने कोहरे के कारण उनको दिखाई नहीं पड़ी, जिससे वह ट्रेन की चपेट में आ गये. मौके पर ही उनकी मौत हो गयी.
घटना के बाद परिजन व आसपास के लोगों ने कष्ठा स्टेशन के पास विरोध करते हुए मुआवजे की मांग की. रेलवे अधिकारियों ने इसकी सूचना गया जीआरपी को दी. घटना की सूचना मिलते ही रेल थानाध्यक्ष परशुराम सिंह ने मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल अस्पताल भेजा. इसके बाद परिजन व अन्य लोगों ने रेल थाना के पास एकजुट हुए और पीडब्ल्यूआइ कार्यालय के रेलवे अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुआवजे की मांग की. कई ट्रैकमैनों ने आरोप लगाया कि बिना रेड सिगनल के ट्रैक पर काम कराया जाता है. कार्यस्थल पर गैंग के साथ न तो मेट और न ही सुपरवाइजर की ड्यूटी लगायी जाती है, जिससे आये दिन खतरा बना रहता है. इधर, हंगामा होने की सूचना मिलते ही वेलफेयर इंस्पेक्टर कुमारिका सन्याल ने मौके पर पहुंच कर दाह-संस्कार कराने के लिए परिजनों को 15 हजार रुपये की मदद की. इसके बाद हंगामा शांत हुआ़
महाबोधि एक्सप्रेस को रोका
इधर, रेल थाना में शव पहुंचने से पहले ही सहकर्मियों ने गया से नयी दिल्ली जा रही महाबोधि एक्सप्रेस को एक नंबर रेलवे गुमटी के पास रोक दिया. ट्रेन के आगे आकर सिकंदर की मौत के लिए विभागीय सह स्थानीय पदाधिकारियों को दोषी बताते हुए हंगामा किया. महाबोधि एक्सप्रेस को वहां करीब 20 मिनट तक रोके रखा गया. इसके बाद रेल थानाध्यक्ष परशुराम सिंह ने लोगों को समझा-बुझा कर वहां से हटाया.
सहूलियत देने की मांग की
इस्ट सेंट्रल रेलवे महागंठबंधन यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष अवधेश कुमार ने पूर्व मध्य रेलवे सहायक मंडल अभियंता को पत्र लिखकर ट्रैक मेंटेनरों को कामकाज की तकनीकी सहूलियत देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ट्रैक मेंटेनेंस में काम करनेवाले लोगों का काम जोखिम भरा होता है. ऐसे में कुछ सुविधा देने से वह आसानी से अपना काम कर सकेंगे. मुख्य मांगों में सभी रेल पुलों पर पाथ-वे बनाने, कर्मचारियों से केवल ट्रैक मेंटेनेंस का ही काम लेने, कई रिक्त पद मेट, कीमैन, लोहार, कारपेंटर, वेल्डर आदि के पद भरे जाने, इमरजेंसी यूनिट में रोटेशन पर काम लेने, वॉकीटाॅकी दिये जाने आदि मांग की है.
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