गया. अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सप्तम) डॉ दिनेश कुमार प्रधान ने सोमवार को एक सिविल मामला खारिज होने पर आवेदन द्वारा विधिक (मिसलेनियस) मामला दायर करने के एवज में 2500 रुपये का आर्थिक दंड लगाते हुए जुर्माने की रकम नकद की जगह इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अकाउंट में जमा करने का आदेश दिया.अदालत सूत्रों की मानें तो पहली बार जुर्माने की रकम इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से देने का आदेश दिया गया है.
बताया गया है कि कोर्ट में एक सिविल केस फाइल किया गया था, जिसे किन्हीं कारणों से खारिज कर दिया गया था. सिविल केस खारिज होने की सूरत में आवेदक ने मिसलेनियस केस फाइल किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. कोर्ट ने केस इस शर्त पर स्वीकार किया है कि जिन चार लोगों के खिलाफ केस फाइल की गयी है, उनके अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से बतौर जुर्माना 2500 रुपये जमा किये जायेंगे.
वहीं, कोर्ट ने विपक्षी (जिनके खिलाफ केस फाइल हुई है) को अपने बैंक अकाउंट के नंबर, बैंकों की शाखाओं के नाम, बैंकों के आइएफएससी कोड व अन्य जानकारियां छह जनवरी तक आवेदक को देने को कहा है, ताकि जुर्माने की रकम जमा की जा सके. कोर्ट ने आवेदक से यह भी कहा है कि अगर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रुपये जमा करने में कोई दिक्कत आती है, तो कोर्ट को छह जनवरी तक अवगत कराना होगा. कोर्ट ने कहा है कि आर्थिक दंड अगर 10 जनवरी तक जमा नहीं किया जाता है, तो समझा जायेगा कि विविध वाद वापस ले लिया गया है. ऐसी स्थिति में उक्त वाद को खारिज कर दिया जायेगा.