उन्होंने मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की और इसके बाद मंदिर के पश्चिमी हिस्से में स्थित बोधिवृक्ष को नमन किया. महाबोधि मंदिर के पुजारी व भिक्षुओं के सहारे मंदिर परिसर में चलते हुए दलाई लामा बोधिवृक्ष की छांव में कुछ पल के लिए ठहरे व मंदिर के पश्चिमी गेट से बाहर निकल गये. इस दौरान उन्होंने सीढ़ियां चढ़ते वक्त दो मर्तबा महाबोधि मंदिर व बोधिवृक्ष को अपलक निहारा. उन्होंने उनके स्वागत में व प्रार्थना सभा में बैठे बौद्ध लामाओं को हाथ हिला कर आशीर्वाद दिया व चीर परिचित अंदाज में मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गये.
मंदिर पहुंचने पर दलाई लामा का स्वागत डीएम के साथ ही बीटीएमसी के सचिव एन दोरजे, सदस्य डॉ अरविंद कुमार सिंह, मुख्य पुजारी भिक्खु चालिंदा, भिक्खु मनोज व अन्य ने किया. दलाई लामा के मंदिर परिसर में मौजूद रहने के दौरान अन्य किसी भी श्रद्धालु व पर्यटक के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी थी व पहले से मौजूद कुछ श्रद्धालुओं को उनके स्थानों पर स्थिर कर दिया गया था. करीब एक घंटे तक महाबोधि मंदिर में व्यतीत करने के बाद दलाई लामा को वापस उनके प्रवास स्थल तिब्बत मोनास्टरी पहुंचाया गया. महाबोधि मंदिर से तिब्बत मोनास्टरी तक सुरक्षा कर्मचारी तैनात किये गये थे.