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महिलाओं के लिए वित्तीय क्रांति है माइक्रो फाइनेंस
गया: गया कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग में गुरुवार को सूक्ष्म वित्त व महिला सशक्तिकरण पर आयोजित सेमिनार में विभागाध्यक्ष डॉ अश्विनी कुमार ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने में माइक्रो फाइनेंस (सूक्ष्म वित्त) एक वित्तीय क्रांति के रूप में साबित हो रहा है. बैंक द्वारा वित्तीय सुविधाएं प्राप्त नहीं होने के […]
गया: गया कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग में गुरुवार को सूक्ष्म वित्त व महिला सशक्तिकरण पर आयोजित सेमिनार में विभागाध्यक्ष डॉ अश्विनी कुमार ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने में माइक्रो फाइनेंस (सूक्ष्म वित्त) एक वित्तीय क्रांति के रूप में साबित हो रहा है. बैंक द्वारा वित्तीय सुविधाएं प्राप्त नहीं होने के कारण महिलाएं आर्थिक दृष्टि से कमजोर थीं. स्वयं सहायता समूह व अन्य वित्तीय संस्थाएं द्वारा बचत ऋण व बीमा के माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुईं और उन्हें नये-नये व्यवसाय से जुड़ने का अवसर मिला.
पापड़ व अचार जैसे लघु उद्योग से ऊपर उठ कर महिलाएं सूचना प्रावैधिकी के व्यवसाय में ज्यादा रुचि ले रही हैं. डॉ कुमार ने कहा कि गया कॉलेज के प्राचार्य मोहम्मद शमशुल इसलाम ने अर्थशास्त्रविभाग में तीन-तीन महिल कर्मचारियों की पोस्टेड एक साथ की. ऐसा कार्य कर प्राचार्य ने महिला सशक्तिकरण को नयी ऊर्जा दी है.
इस दौरान प्राचार्य को शॉल देकर सम्मानित किया गया. प्राचार्य ने कहा कि उनकी कार्य याेजना में तीन निश्चय है. उसमें एक निश्चय महिला सशक्तिकरण को लेकर है. बेटियां जन्नत का द्वार हैं. मौके पर राष्ट्रीय सेवा योजना के राष्ट्रीय एकीकरण शिविर रांची में शामिल हुए अर्थशास्त्र विभाग के छात्र सूरज राउत को विभागाध्यक्ष डॉ अश्विनी कुमार ने प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. मौके पर डॉ मधुसूदन, डॉ अजीत कुमार, डॉ प्रियदर्शिनी, कुमारी अर्चना, सूरजभान, राजीव रंजन, अभिजीत, सुप्रिया, सोलंकी, अभिषेक, निशांत, खुशी, श्वेता व गौरव सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
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