खास बात यह है कि आये दिन एक नया चेहरा नजर आ रहा है. शराब की धर पकड़ में जुटी विशेष टीम का मानना है कि बढ़े स्तर पर अवैध शराब के धंधे के पीछे हर जगह कोई न कोई पुराना कारोबारी ही है, जो शराब की खेप उठवाने से लेकर उसकी वाहनों से डिलिवरी तक का काम देख रहा है, करवा रहा है. शराब के पुराने कारोबारियों की तलाश में पुलिस टीम जुट गयी है, उनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाने के लिए भी पुलिस ने हाथ-पैर मारना शुरू कर दिया है. . सूत्रों के मुताबिक, शराब की बड़ी खेप मंगवाने में सामान्य की नहीं, बल्कि बड़े धंधेबाजों की भूमिका होती है.
पैसे से लेकर उसकी डिलिवरी और उसमें लगने वाले मैन पावर की व्यवस्था छोटे व्यवसायी के बस की बात नहीं है. धंधेबाजों की धर पकड़ में जुटी टीम भी ऐसा ही मान कर चल रही है. डीआइजी सौरभ कुमार का कहना है कि शराब के पुराने कारोबारियों (जिनके पास 2016 मार्च के पहले शराब वैध दुकानें थी) के वर्तमान रोजगार व गतिविधियों की छानबीन की जा रही है. उनके साथी बड़े-छोटे कारोबारियों की भी डिटेल्स जुटायी जा रही है, ताकि जरूरत के मुताबिक कार्रवाई की जा सके.