गया: स्वास्थ्य विभाग की प्रमंडलीय समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए आयुक्त आरके खंडेलवाल ने सिविल सजर्नों को निर्देश दिया कि विशेषज्ञ डॉक्टरों को जिला मुख्यालय में ही रखें, तो वह अधिक उपयोगी होंगे. उन्होंने प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के अलावा दूसरे डॉक्टर को भी नामित करने का निर्देश दिया, ताकि उनकी अनुपस्थिति में स्वास्थ्य सेवा प्रभावित नहीं हो. उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर आम आदमी को चिकित्सा सेवा में मिलने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
बैठक में अनुपस्थित अरवल के सिविल सजर्न डॉ कृष्ण बल्लभ प्रसाद सिंह का एक दिन का वेतन तब तक रोकने का निर्देश डीएम को दिया,जब तक वह अपना पक्ष नहीं नहीं रखते. बताया जाता है कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आवश्यक कार्रवाई भी की जा सकती है. इसके लिए उन्होंने क्षेत्रीय उपनिदेशक, स्वास्थ्य (आरडीडीएच) डॉ राजेंद्र प्रसाद को अधिकृत किया है. आयुक्त ने पूरे राज्य में बेहतर टीकाकरण के लिए गया की सराहना की. बैठक में परिवार नियोजन कार्यक्रम के लिए 16 अस्पताल का चयन किया गया. जहानाबाद की सीएस ने बताया कि एंटी रैबीज वैक्सीन (कुत्ता के काटने के बाद लगायी जाने वाली सूई) की कमी है.
इससे पूर्व आरडीडीएच डॉ प्रसाद ने अपने कक्ष में विभिन्न योजनाओं की बिंदुवार समीक्षा की. इसमें पाया गया कि जहानाबाद की सबसे बेहतर उपलब्धि जननी बाल सुरक्षा योजना(जेबीएसवाइ) में 98 प्रतिशत, परिवार नियोजन में 38 प्रतिशत व टीकाकरण में 92 प्रतिशत है. इसके विपरीत सबसे जेबीएसवाइ में खराब प्रदर्शन गया का 63 प्रतिशत, परिवार नियोजन में अरवल का 29 प्रतिशत व टीकाकरण में 75 प्रतिशत पाया गया. आरडीडीएच ने लक्ष्य काफी पीछे रहने के कारणों व सुधार के तरकीब पर विस्तार से चर्चा की. बैठक में अरवल को छोड़ गया, नवादा, जहानाबाद व औरंगाबाद के सीएस व डीपीएम उपस्थित थे.