गया: वर्ड विजन व आद्रा इंडिया के सहयोग से जन जागृति सेवा संस्थान द्वारा टीबी व आरएनटीसीपी(रिवाइज नेशनल ट्यूबरक्लोसिस कंट्रोल प्रोग्राम) विषय पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ राधा प्रसाद ने कहा कि टीबी संक्रामक बीमारी है. पर, डॉट्स के नियमित सेवन से इससे मुक्ति मिल सकती है.
सरकारी स्तर पर टीबी मरीजों के लिए सभी डॉट्स उपचार सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क उपलब्ध है. एमडीआर टीबी मरीजों के लिए भी सभी प्रकार की दवाएं उपलब्ध है. जरूरत है सिर्फ इसकी समुचित प्रचार की. आरएमपी (रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिसनर्स) इसके प्रचार में अहम भूमिका निभा सकते हैं. यही कारण है कि आरएमपी को प्रशिक्षण देकर डॉट्स प्रोवाइडर बनाया जा रहा है. ताकि, पूरी निष्ठा के साथ काम कर एमडीआर जैसी भयानक टीबी बीमारी से समाज को मुक्ति दिलाया जा सके.
डॉ एनपी सिन्हा ने डॉट्स प्रणाली के तहत दी जाने वाली दवाओं के रेसिस्टेंट व साइड इफेक्ट्स पर विस्तार से चर्चा की. मधेश्वर राम व मो इफ्तार अहमद ने एमडीआर टीबी के लक्षण, जांच व उपचार प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की. प्रशिक्षण कार्यक्रम को मो जाहिद अनवर, मो हिदायतुल्ला व ट्रेनर दीपक कुमार ने मरीजों के साथ भावनात्मक लगाव पर जोर दिया. जन जागृति सेवा संस्थान की सचिव रीता कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. 33 ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने प्रशिक्षण में भाग लिया.