गौरतलब है कि नाले का निर्माण शहरी विकास अभिकरण की ओर से लगभग 17 लाख रुपये की लागत से कराया गया है. निर्माण के समय भी स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था. कुछ लोगों ने पार्षद के माध्यम से विकास ठीकठाक करने की बात कही है. इसके साथ ही पार्षद पर लोगों ने आरोप लगाया कि हर योजना के क्रियान्वयन में खुद मॉनेटरिंग करती है. पार्षद के दरवाजे पर ही प्याऊ बहुत दिनों से खराब है. इसके साथ ही बागेश्वरी गुमटी से कंडी मोड़ तक 20 जगह से अधिक पाइप लाइन में लिकेज हैं.
Advertisement
पांच साल मेयर रहीं, नहीं हुआ इलाके का विकास
गया: शहर के वार्ड नंबर नौ की पार्षद पांच साल तक मेयर के पद पर रहीं. इसके बावजूद वार्ड का विकास नहीं हो सका. लोगों का कहना है कि पार्षद खुद विकास योजनाओं में ठेकेदारी करती हैं. यहां जितना काम कराया गया है, उनमें कहीं भी गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है. इसके साथ […]
गया: शहर के वार्ड नंबर नौ की पार्षद पांच साल तक मेयर के पद पर रहीं. इसके बावजूद वार्ड का विकास नहीं हो सका. लोगों का कहना है कि पार्षद खुद विकास योजनाओं में ठेकेदारी करती हैं. यहां जितना काम कराया गया है, उनमें कहीं भी गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है. इसके साथ ही लोगों का आरोप है कि वार्ड में पांच जनवितरण प्रणाली दुकानदार हैं. इनसे राशन व केरोसिन पार्षद अपने दरवाजे पर बांटने को कहती है. यहां अनाज व केरोसिन वितरण होने से पार्षद अपने पसंद के लोगों को ही इसका लाभ दिलाती हैं. लोगों ने बताया कि नाले का निर्माण मुहल्ले को जलजमाव से मुक्ति के लिए कराया गया है.
इस नाले की चौड़ाई घर के नाली से भी कम है. गुणवत्ता व लेवलिंग का ख्याल भी नहीं रखा गया है. बरसात के दिनों में नाले से पानी उल्टा मुहल्ले में आता है. पेयजल की समस्या है. पावरगंज मुहल्ले में आज भी लोगों को टैंकर से लाइन में लग कर पानी लेना पड़ता है. पार्षद सह पूर्व मेयर के घर के पास ही प्याऊ बनाया गया है, जो वर्षों से बंद पड़ा है. इसके साथ ही अन्य नालों की सफाई वर्षों से नहीं करायी गयी है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement