गया: सरकार द्वारा वेतन समझौता की मांग पूरी नहीं करने, बैंकों के निजीकरण व बाजारीकरण के विरोध में बैंककर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल सोमवार से शुरू हो गयी. हड़ताल के पहले दिन गया जिले में करीब 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ.
यह जानकारी एसबीआइ के सहायक महासचिव संजय कुमार सिन्हा ने दी. मंगलवार को भी बैंककर्मियों की हड़ताल जारी रहेगी. यानी, एक दिन और बैंकों में ताले लगे रहेंगे. ऐसे तो ग्राहकों को हड़ताल की जानकारी पहले से थी, फिर भी सैकड़ों ग्राहक जरूर परेशान हुए. हालांकि, एटीएम में रुपये की कमी की खबर नहीं है.
हड़ताल के पहले दिन सभी सरकारी बैंकों की शाखाओं के पास से बैंककर्मी जुलूस की शक्ल में करीब 11 भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा पर पहुंचे और अपनी मांगों के समर्थन में सरकार के विरोध जोरदार नारेबाजी की. बैंककर्मियों ने विरोध स्वरूप आइसीआइसीआइ व एचडीएफसी बैंकों को बंद करवा दिया. हड़ताल में शामिल बैंक के अधिकारियों ने बताया कि सरकार उनकी मांगों को जानबूझ कर नजरअंदाज कर रही है. सरकार का रवैया बैंककर्मियों की हितों के खिलाफ है.
एसबीआइ की मुख्य शाखा के पास बैंक के सहायक महासचिव संजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में प्रदर्शन किया गया. यहां आयोजित सभा को बैंक के ऑफिसर्स एसोसिएशन के क्षेत्रीय अध्यक्ष नंद कुमार पाठक, सुरेंद्र कुमार सिंह, केनरा बैंक के जफर सईद व पीएन सिंह ने संबोधित किया. इस मौके पर एसबीआइ अधिकारी संघ के अध्यक्ष दीपक आनंद के अलावा बैंक से जुड़े शशिभूषण प्रसाद, अभिषेक कुमार सिन्हा, शमशाद अली, पंकज कुमार, मनीष पाल व रजन रंजन मौजूद थे.
धरने में पीएनबी के अधिकारी सुधांशु, संतोष कुमार, आनंद कुमार मिश्र, अमित कुमार, त्रिपुरारि शर्मा, अंजनी कुमार सिंह, सुनील कुमार झा, पशुपति नाथ सिंह, राजकिशोर यादव, संजय कुमार, पीएनबी स्टाफ यूनियन के गणोश अंजान, पृथ्वीराज, रीता कुमारी, बिहार स्टेट बैंक ऑफ बड़ोदरा इंप्लाइज यूनियन के सहायक महासचिव उपेंद्र कुमार सिन्हा, यूनाइटेड फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियन के उदय नारायण शर्मा, अंजनी कुमार मिश्र, सूर्यदेव प्रसाद, रामविलास सिंह, शैलेश कुमार, सिया शरण प्रसाद, जितेंद्र सिंह, शादआलम व अरविंद कुमार सिन्हा आदि शामिल थे.