गया: जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में विभागीय नियमावली का उल्लंघन करने का रिकॉर्ड बनाया जा रहा है. प्राय: सभी शिक्षा अधिकारियों के बीच समन्वय का अभाव है. इनके द्वारा जारी आदेश पत्रों की खिल्ली उड़ायी जा रही है.
हालांकि, इसका दुष्परिणाम भी शिक्षकों को ही ङोलना पड़ रहा है. स्थापना शाखा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) एस हांसदा द्वारा 52 शिक्षकों का ट्रांसफर किया गया. पर, इसे जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) राजीव रंजन प्रसाद ने निरस्त कर दिया. इस मामले में दोनों अधिकारियों द्वारा विभागीय नियमों की अनदेखी कर आदेश जारी किये गये हैं. इससे शिक्षकों को शारीरिक, आर्थिक व मानसिक क्षति हुई. ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले मैट्रिक प्रशिक्षित 728 शिक्षकों के स्नातक प्रशिक्षित में प्रोन्नति व पोस्टिंग के मामले में विभागीय नियमावली की खुलेआम अनदेखी की जा चुकी है. गौरतलब है कि डीपीओ श्री हांसदा ने प्रशासनिक दृष्टिकोण व जनहित की दुहाई देकर विशेष परिस्थिति में एक-एक कर 52 शिक्षकों का ट्रांसफर किया गया. सभी ट्रांसफर ऑर्डर अलग-अलग निर्गत किये गये.
इस बीच डीइओ ने डीपीओ को जवाब तलब किया गया कि किस परिस्थिति में इतनी बड़ी संख्या में ट्रांसफर किया गया. डीपीओ ने स्पष्टीकरण दिया कि स्थानांतरण समिति की बैठक में अनुमोदन की प्रत्याशा में ट्रांसफर किया गया. 30 जनवरी 2013 को स्थानांतरण समिति की बैठक भी तय थी. पर, डीइओ की अनुपस्थिति में बैठक नहीं हो पायी.
इसके बाद डीइओ द्वारा सभी 52 शिक्षकों के ट्रांसफर रद्द कर दिये गये. अब इस आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध डीपीओ ने किया है. जबकि, स्थानांतरण समिति की बैठक में बगैर प्रस्ताव पारित कराये ट्रांसफर किया जाना व रद्द किया जाना दोनों नियम के विरुद्ध है. इसका खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है. साथ ही अधिकारियों के आदेशों की खिल्ली भी उड़ायी जा रही है. इससे पूर्व मैट्रिक प्रशिक्षित 728 शिक्षकों के स्नातक प्रशिक्षित में प्रोन्नति व पोस्टिंग के मामले प्राथमिक शिक्षा निदेशक के कार्यालय में पहुंच गयी थी. आदेशानुसार पुन: स्थापना समिति की बैठक कर नये सिरे से निर्णय लेना पड़ा. हालांकि अब तक पूरी तरह उस आदेश का पालन नहीं किया जा सका है.