बोधगया: बोध महोत्सव के अंतिम दिन अहमदाबाद के महेंद्र रक्षा जोशी की टीम ने डांडिया व गरबा नृत्य पेश कर श्रोताओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया. साथ ही गणोश नाट्यम संस्थान के सरोज बैथनाथन ग्रुप ने भरतनाट्यम के विभिन्न मुद्राओं की मनमोहक प्रस्तुति को भी दर्शकों ने सराहा.
सिक्किम के पारंपरिक नृत्य याक की प्रस्तुति से कलाकारों ने ऊंचे पर्वतों पर रहनेवाले लोगों के प्रकृति प्रेम को प्रदर्शित किया. झारखंड के श्रीकलापीठ रॉयल स्कूल ऑफ छऊ के कलाकारों ने सरायकेला की प्रसिद्ध छऊ नृत्य, भारतीय शास्त्रीय नृत्य के साथ कत्थककली व मणिपुरी की प्रस्तुति दी. गोलपारा असम के कलाकारों ने सामाजिक सरोकार सें जुड़े त्योहार पर मनाये जाने वाले उत्सव की प्रस्तुति दी.
हैदराबाद के वारसी ब्रदर्स के निजाम अहमद खान व नसीर अहमद खान की कव्वाली पर तो लोग झूमने लगे. इसके अलावा म्यांमार, जापानी वाद्य यंत्रों के मधुर स्वर व धर्मशाला के कलाकारों ने भी विभिन्न प्रस्तुति दी. इसमें तिब्बत की लोक संस्कृति, परंपरा व भगवान बुद्ध के जीवन व उपदेश पर आधारित कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई.
कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले देसी-विदेशी कलाकारों को आयोजन समिति द्वारा सम्मानित किया गया. इस मौके पर मगध प्रमंडल के आयुक्त आरके खंडेलवाल, ओटीए के कमांडेंट जेनरल जीएस विष्ट, एसएसपी निशांत कुमार तिवारी, सिटी एसपी चंदन कुमार कुशवाहा, डीएम बाला मुरुगन डी व अन्य गण्यमान्य लोग मौजूद थे. इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव का समापन हो गया. बहुरंगीय संस्कृतियों की प्रस्तुति के साथ कालचक्र मैदान में आयोजित तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव का गुरुवार की रात समापन हो गया. इसकी घोषणा बीटीएमसी के सचिव एन दोरजे ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ की.