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चीख उठे पिता, भाई बोला-क्या जवाब दूंगा भाभी को

वारदात. कोठी के थानाध्यक्ष की हत्या के बाद दुकानें हुईं बंद, लोग शोकाकुल, चारों तरफ सन्नाटा 13 जनवरी, 2015 को हुई थी कोठी थाने में पोस्टिंग इमामगंज : भाई जान, हमलोगों को छोड़ कर हमेशा के लिए कहां चले गये. अब हम भाभी को क्या जवाब देंगे. कोठी थाना परिसर में रोते हुए उक्त बातें […]

वारदात. कोठी के थानाध्यक्ष की हत्या के बाद दुकानें हुईं बंद, लोग शोकाकुल, चारों तरफ सन्नाटा

13 जनवरी, 2015 को हुई थी कोठी थाने में पोस्टिंग
इमामगंज : भाई जान, हमलोगों को छोड़ कर हमेशा के लिए कहां चले गये. अब हम भाभी को क्या जवाब देंगे. कोठी थाना परिसर में रोते हुए उक्त बातें अपराधियों के शिकार हुए थानाध्यक्ष क्यामुद्दीन अंसारी के छोटे भाई आदिल अंसारी ने कहीं. अपने बड़े भाई का शव देखते ही वह दहाड़ मार कर रोने लगे. रोते–रोते उन्होंने बताया कि भैया की सुरक्षा को लेकर हमेशा चिंता सताती रहती थी. अपने बेटे का अंतिम दर्शन करने पहुंचे थानाध्यक्ष के पिता मोहम्मद सरोज अहमद अंसारी फूट-फूट कर रोते हुए कहा कि या अल्लाह, यह क्या कर दिया. अब इस उम्र में यही दिखलाना बाकी रह गया था.
कई थानों में थानाध्यक्ष की भूमिका निभा चुके थे क्यामुद्दीन:
कोठी थानाध्यक्ष मोहम्मद क्यामुद्दीन अंसारी जिले के कई थानों में थानाध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभा चुके हैं. वह जहां भी रहे, वह अपने कार्यशौली के लिए विशेष रूप से जाने जाते थे. क्यामुद्दीन अंसारी कोठी थाने में योगदान देने के पूर्व आमस, डेल्हा, चांकद व खिजरसराय थाना में अपनी सेवा दे चुके हैं. कोठी थाने में उनकी पोस्टिंग 13 जनवरी 2015 को हुई थी. अपनी नौकरी के कम समय में ही वह अपने वरीय अधिकारियों के चहेते बने हुए थे.
गिरफ्तारी को लेकर एसआइटी का गठन: थानाघ्यक्ष की हत्या की खबर सुनते ही एसएसपी गरिमा मलिक कोठी पहुंचीं. कुछ समय बाद घटनास्थल से थानाध्यक्ष के शव को एंबुलेंस द्वारा थाना परिसर में लाया गया. एसएसपी ने वहां मौजूद अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली. इमामगंज डीएसपी नंदकिशोर रजक, शेरघाटी डीएसपी उपेंद्र प्रसाद, इमामगंज थानाध्यक्ष अर्जुन प्रसाद, इमामगंज सर्किल इंस्पेक्टर विनोद कुमार, बांकेबाजार थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा, रोशनगंज थानाध्यक्ष अमरदीप कुमार, भदवर थानाध्यक्ष सत्यम चंद्रवंशी सहित अन्य थानाध्यक्षों के साथ बैठक की और एसआइटी का गठन किया.
घटना के बाद स्वत: बंद हो गया कोठी बाजार: कोठी थानाध्यक्ष मोहम्मद क्यामुद्दीन अंसारी की हत्या की खबर सुनते ही कोठी बाजार के दुकानदारों ने अपनी–अपनी दुकानें बंद कर ली व घटना की जानकारी लेने में व्यस्त नजर आये. थानाध्यक्ष के कई शुभचिंतकों को विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसी कोई घटना हुई है. खुद को भरोसा दिलाने के लिए घटनास्थल पर जाकर प्रत्यक्ष देखा. इसके बाद भी विश्वास करना मुश्किल हो रहा था. थानाध्यक्ष के शव की स्थिति देख ऐसा लग रहा था, मानों वह जमीन पर लेटे हों.
पिस्टल होती, तो मुकाबला करते थानाध्यक्ष: थानाध्यक्ष मोहम्मद क्यामुद्दीन अंसारी के पास अगर उनकी सर्विस पिस्टल होती तो अपराधी उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाते. ये बातें बात उनके शुभचिंतकों के द्वारा बाजारों में बार–बार कही जा रही थी. पता चला है कि थानाध्यक्ष थाना परिसर में रहे या फिल्ड में.
हर समय अपने साथ पिस्टल व एके-47 व एसएलआर जैसे अत्याधुनिक हथियार अवश्य रखा करते थे. सोमवार को बिना हथियार लिये ही निकल पड़े. लोगों ने बताया कि थाना से निकल कर कुछ ही दूरी पर एक चाय की दुकान में चाय पी और वहां से कोठी–मैगरा मुख्य मार्ग में टहलने के लिए निकल पड़े. जैसे ही वह चनाचक गांव के पास पहुंचे, अपराधियों ने गोली मार कर मौत की नींद सुला दी.
घटनास्थल पर जांच करते डीआइजी सौरभ कुमार, एसएसपी गरिमा मलिक, इमामगंज डीएसपी नंदकिशोर रजक व अन्य.

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