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दिलचस्पी:पीजी के लिए भूगोल में बढ़ी है स्टूडेंट्स की रुचि, सीटें 100, आवेदन 1200
गया: भूगोल में पठन-पाठन को लेकर स्टूडेंट्स में गजब का रुझान बढ़ा है. कुछ वर्षों में अन्य विषयों के मुकाबले भूगोल में दाखिला लेने की होड़ सी दिख रही है. पहले की अपेक्षा प्राचीन इतिहास, पाली, मनोविज्ञान विषयों के प्रति रुचि घटी है. भूगोल को छात्र अपनी पहली पसंद के तौर पर ले रहे हैं. […]
गया: भूगोल में पठन-पाठन को लेकर स्टूडेंट्स में गजब का रुझान बढ़ा है. कुछ वर्षों में अन्य विषयों के मुकाबले भूगोल में दाखिला लेने की होड़ सी दिख रही है. पहले की अपेक्षा प्राचीन इतिहास, पाली, मनोविज्ञान विषयों के प्रति रुचि घटी है. भूगोल को छात्र अपनी पहली पसंद के तौर पर ले रहे हैं. इसका कारण प्रतियोगी परीक्षाओं के सामान्य ज्ञान में भूगोल से जुड़े सवालों का अधिक होना बताया जा रहा है. गया कॉलेज में पीजी में नामांकन के इच्छुक विद्यार्थियों के आवेदन की लंबी फेहरिस्त से भी इसकी तसदीक की जा सकती है. नये शैक्षणिक सत्र में गया कॉलेज में पीजी में दाखिला के लिए 1200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था. जिसमें से करीब 100 विद्यार्थियों का ही नामांकन यहां हो सका है.
सिर्फ गया कॉलेज में ही पीजी में पढ़ाई
जिले में अंगीभूत गया कॉलेज व जगजीवन कॉलेज में ही भूगोल विषय की पढ़ाई होती है. जगजीवन कॉलेज में पीजी में पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है. अन्य कॉलेजों में भूगोल की पढ़ाई की कोई व्यवस्था तो दूर, स्वीकृति तक नहीं मिली है. छात्रों की संख्या बढ़ने की वजह उपरोक्त में से चाहे जो हो पर यह तय है कि छात्रों का भूगोल के प्रति खास लगाव बीते कुछ वर्षों से देखने को मिल रहा है. गया कॉलेज के भूगोल विभाग के अध्यक्ष डॉ अवध तिवारी का कहना है कि भूगोल के प्रति रुझान बढ़ने की सबसे बड़ी वजह प्रतियोगी परीक्षाएं हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं में इससे संबंधित सवाल अधिक होते हैं. जिसकी वजह से छात्र इस विषय में अधिक रुचि दिखा रहे हैं.
कंपीटिशन क्रैक करने में मिलती है खास मदद
कॉलेज से जुड़े व्याख्याताओं का कहना है कि किसी जमाने में छात्रों की रुचि प्राचीन इतिहास, पाली, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र व राजनीति शास्त्र के प्रति थी. धीरे-धीरे इन विषयों से विद्यार्थियों का लगाव कम हो गया है. भूगोल की ओर छात्र खींचे चले आ रहे हैं. इसकी कई वजहें हैं. अध्यापकों के लिबरल होने के साथ ही प्रायोगिक परीक्षा में अंक देने के प्रति अध्यापक अब बहुत हद तक सरल हुए हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान में भूगाेल के सवालों का अधिक होना व संबंद्ध कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई न होना भी बड़े कारक हैं. संबंद्ध कॉलेजों से भी बड़ी संख्या में छात्र भूगोल में स्नातक कर पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए यहां आ रहे हैं.
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