बोधगया: बौद्ध महोत्सव अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्राप्त कर रहा है. मुङो वर्ष 2006 से ही महोत्सव का उद्घाटन करने का अवसर प्राप्त हो रहा है. इसमें दिन-प्रतिदिन और निखार आ रहा है. ये बातें बोधगया के कालचक्र मैदान में तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री (सीएम) नीतीश कुमार ने कहीं.
सीएम ने कहा कि बोधगया से पूरी दुनिया में शांति का संदेश जाता है. शांति का मार्ग सुनने में आसान लगता है, परंतु इसका पालन कठिन है.
पिछले दिनों आतंकियों ने इस पवित्र भूमि को भी नहीं बख्शा. इसके बावजूद श्रद्घालुओं का बोधगया आना कम नहीं हुआ है. बुद्घ की इस ज्ञान भूमि की यह खासियत है. इसलिए शांति का मार्ग अपनाने वाले घबराएं नहीं. अगर, ऐसा हुआ तो आतंकियों व अपराधी प्रवृति के लोगों की दाल गल जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधगया में बौद्ध समेत विंिभन्न धर्मो के लोग आते हैं. यहां पर ज्यादा से जयादा पर्यटक आएं, इसके लिए सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है और इस दिशा में काम हो रहा है. वहीं, पर्यटकों को बिहार की ओर आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इसका उदाहरण है पटना में करीब दो हजार साल से भी ज्यादा समय के बाद पिछले साल आयोजित अंतरराष्टीय बौद्घ समागम. इस आयोजन में पावन दलाई लामा भी उपस्थित हुए. पटना में ही जहां जेल था, बुद्घ स्मृति पार्क बनवाया गया है. यहां एक स्तूप की स्थापना की गई है, जिसे पावन दलाई लामा जी ने पाटलिपुत्र करुण स्तूप का नाम दिया है.
श्री कुमार ने महोत्सव के सफल आयोजन के लिए पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन को बधाई देते हुए कहा कि बोधगया में पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विकास व उनका ख्याल रखने में कोई कमी न हो.
सीएम ने इस मौके पर गया के एसएसपी निशांत कुमार तिवारी द्वारा लिखित पुस्तक ‘द सेलेब्रेटिज ऑफ बिहार-हेरिटेज ऑफ नालंदा’ का विमोचन किया. इससे पहले सीएम, विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी व अन्य मंत्रियों ने दीप जला कर महोत्सव का उद्घाटन किया. बौद्घ भिक्षुओं ने महायान व थेरावाद परंपरा से सूत्रपाठ किया. इस मौके पर मंत्री विजय चौधरी, जीतन राम मांझी, शाहिद अली खान, जदयू विधायक डॉ अनिल कुमार,ज्योति देवी, कृष्णनंदन यादव, विनोद कुमार यादव, भाजपा विधायक सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा, विधान पार्षद अनुज कुमार सिंह, उपेंद्र प्रसाद, जदयू के जिला अध्यक्ष अभय कुशवाहा, नगर अध्यक्ष राजू वर्णवाल समेत काग्यू पंथ के करमापा उग्येन त्रिनले दोरजे और निगमा पंथ के गुरु टाकसुंग छुटुक रिनपोछे आदि मौजूद थे. अतिथियों का स्वागत पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव बी प्रधान ने किया. इसके बाद पांच देशों व भारत के कलाकारों ने पारंपरिक संस्कृति से जुड़े गीत व नृत्य प्रस्तुत किया गया.