गया: चंदौती स्थित बाजार समिति प्रांगण में दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले का उद्घाटन गुरुवार को गया के नोडल पदाधिकारी आभांसु सी जैन व संयुक्त कृषि निदेशक विनोद कुमार ने किया.
इस मौके पर अधिकारियों ने कहा कि गया की भूमि ऊंची व मध्यम है. यहां वर्षा आधारित खेती होती है. इसलिए जिले के किसानों को वैकल्पिक खेती के बारे में प्रशिक्षित किये जाये. मक्का की खेती से किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक हो सकती है. इसके अलावा और भी कई फसलें हैं जिन्हें किसान उपजा सकते हैं. आज तकनीकी व वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने की जरूरत है.
इससे समय, श्रम व पैसे की बचत होती है. कृषि यंत्रों को सरकार अनुदान पर इसी उद्देश्य से दे रही है. उन्होंने कहा कि किसान अधिक-से-अधिक कृषि यंत्र का उपयोग करें, सरकार इस दिशा में काम कर रही है. जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने बताया कि मेले में कृषि यंत्रों के 110 स्टाल लगाये गये हैं. मेले के पहले दिन किसानों ने अनुदानित दर पर 31 ट्रैक्टर, 104 पावर टिलर, 124 डीजल पंपसेट, आठ रोटा वेटर, 27 थ्रेसर सहित लगभग दो हजार से अधिक कृषि यंत्रों की खरीद की गयी. छोटे कृषि यंत्रों में मुख्य रुप से 330 नैपसेक स्प्रेयर व 1139 सीड बीन की खरीद की गयी. गुरुवार को डेढ़ करोड़ से अधिक मूल्य के कृषि यंत्रों की बिक्री हुई. मेले में कृषि वैज्ञानिकों व अन्य पदाधिकारियों द्वारा किसानों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है.