गया: मगध जन विकलांग कल्याण समिति के बैनर तले 20 से अधिक विकलांगों ने पुन: मंगलवार को डीएम को आवेदन देकर जयप्रकाश नारायण (जेपीएन) अस्पताल में विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने में अनियमितता बनाने की शिकायत की. साथ ही अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एसजेड अहसन के उस बयान पर आपत्ति जताते हुए जांच कराने की मांग की है, जिसमें कुछ विकलांग युवकों पर दलाली करने का आरोप लगाया गया है.
गौरतलब है कि 23 जनवरी को मगध जन विकलांग कल्याण समिति के सचिव रिजवान खान ने प्रमंडलीय आयुक्त से विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने में अनियमितता बरतने की शिकायत की. मौके पर काफी संख्या में विकलांग मौजूद थे. शिकायत पत्र में कहा गया था कि माह में चार दिन जेपीएन अस्पताल में विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए चिकित्सा जांच शिविर लगाया जाता है. पर, संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण शिविर में अधिकतर विकलांगों को निराशा ही हाथ लगती है. इस कारण दूर-दराज से आने वाले विकलांगों को भारी परेशानी होती है. साथ ही कहा कि पैसे देने वालों का बड़ी आसानी से प्रमाण पत्र बना दिये जाते हैं. अनियमितता का विरोध करने पर पुलिस बुलाने की धमकी दी जाती है व र्दुव्यवहार कर भागा दिया जाता है. इसमें अधिकारी, कर्मचारी व सुरक्षा गार्ड सभी शामिल हैं.
इस बाबत पूछे जाने पर अस्पताल अधीक्षक डॉ अहसन ने कहा था कि शहर के कुछ विकलांग युवक विकलांगता प्रमाणपत्र में दलाली कमाना चाहते हैं. उनकी बात मानी जाय तो दूर-दराज से आये एक भी विकलांग का प्रमाण पत्र बनाया जाना असंभव हो जायेगा.