इमामगंज: शेरघाटी-इमामगंज मुख्य सड़क पर इमामगंज थाना क्षेत्र के गुरिया बाजार स्थित यात्री शेड पर प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने हस्तलिखित बैनर व पोस्टर चिपका कर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से कई सवाल पूछे हैं. पोस्टर के माध्यम से नक्सलियों ने कहा है कि जीतनराम मांझी पिछड़े व दलित जाति से हैं. लेकिन, उनका चरित्र बदल कर सामंती व पूंजीवादी हो गया है. उन्हें कभी अपने पूर्वजों का ख्याल नहीं आया. पोस्टर में आगे जिक्र है कि भाजपा, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल व शिवसेना द्वारा पूरे देश में दलित, महादलित व अल्पसंख्यक वर्गों पर लगातार हमले किये जा रहे हैं. जीतनराम मांझी ने कभी इनका विरोध नहीं किया. सांप्रदायिक, हत्यारों व गुंडों का समर्थन करना कौन सी महादलित नैतिकता है.
माओवादियों ने कहा है कि अपने को महादलितों का मसीहा कहनेवाले जीतनराम मांझी जवाब दें कि छकरबंधा गांव के टोला कनुयाटांड़ के अवधेश भुइंया, फूलचंद भुइंया, सोनदाहा के रहनेवाले कारू भुइंया, कारू सिंह भोक्ता, सुदामा भुइंया, मदनपुर की कलावती देवी, रामध्यान भुइंया व बाराचट्टी के धनगाई गांव के राजेश मांझी की हत्या करनेवाले व करानेवाले नेता, पुलिस–प्रशासन हत्यारे नहीं हैं, तो क्या हैं?
पोस्टर में श्री मांझी के उन बयानों का भी जिक्र है कि जिसमें उन्होंने औरंगाबाद व गया के बॉर्डर पर डुमरीनाला जंगल में मुठभेड़ को आपराधिक वारदात बताया था. नक्सलियों ने कहा है कि नक्सली सत्ता के लिए लड़ते हैं. लेवी, लूट आदि की घटनाएं अपराधी करते हैं. यह सब वर्चस्व के लिए होता है. नक्सलियों ने पूर्व सीएम को चेताया है कि वह पूर्व एमएलसी व भाजपा नेता अनुज सिंह, धनराज शर्मा व शंकर पासवान के बहकावे में न आएं, बल्कि अपने विवेक से काम करें. इधर, पुलिस सभी पोस्टर उखाड़ कर मामले की जांच में जुटी है.