Advertisement
बॉटम नाले पर अतिक्रमण का जाल, नोटिस भी बेअसर
बारिश शुरू होते ही शहर के कई इलाकों में जलजमाव के कारण दिक्कतें बढ़ जाती हैं. शहर से पानी निकलवाने के लिए नगर निगम को पंप तक चलाना पड़ जाता है़ यह हर साल की समस्या है, पर स्थायी निदान पर कभी बात नहीं होती़ गया : बॉटम नाले पर अतिक्रमण के कारण बारी रोड […]
बारिश शुरू होते ही शहर के कई इलाकों में जलजमाव के कारण दिक्कतें बढ़ जाती हैं. शहर से पानी निकलवाने के लिए नगर निगम को पंप तक चलाना पड़ जाता है़ यह हर साल की समस्या है, पर स्थायी निदान पर कभी बात नहीं होती़
गया : बॉटम नाले पर अतिक्रमण के कारण बारी रोड व दुर्गाबाड़ी में हो रहे जलजमाव से मुक्ति दिलाने के लिए नगर निगम ने रमना रोड के 14 लोगों को नोटिस दिया है. 2015 में भी 38 लोगों को नोटिस भेजा गया था, जिनमें एक-दो लोगों ने ही नोटिस लेना मुनासिब समझा. बाकी लोगों ने नोटिस लेने से ही इनकार कर दिया था.
लेकिन, अब तक उन 38 लोगों पर बॉटम नाले से शौचालय का पाइप व अवैध निर्माण हटाने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने कोई पहल नहीं की है. इधर, बारिश के दिनों में बारी रोड व दुर्गाबाड़ी में हर साल जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है, तो नगर निगम को कार्रवाई की बात याद आती है. लोगों का मानना है कि अब तो जलजमाव का सामना करने की आदत पड़ गयी है. शुरू में लोगों द्वारा हल्ला हंगामा किया जाता है, उसके बाद सभी शांत हो जाते हैं. नगर निगम के अधिकारी इसके अस्थायी निदान के तौर पर डीजल पंप लगा कर पानी निकलवाते हैं.
यह काम पिछले कई वर्षों चलता आ रहा है. नगर निगम अस्थायी निदान पर हर साल लाखों रुपये खर्च करता है, पर समस्या का निदान नहीं निकल पाता है. अब तक जितने रुपये तात्कालिक निदान में खर्च किये गये हैं, उनसे तो नये नाले का निर्माण ही करा लिया जाता.
जिन नालों के टेंडर हैं प्रोसेस में: नगर निगम द्वारा बॉटम नाला, कुजापी नाला व नादरागंज नाले को आरसीसी व पीसीसी करने की योजना पर काम शुरू करने के लिए नगर विकास विभाग से टेंडर प्रोसेस किया जा रहा है. विडंबना यह है कि पिछले साल भी बॉटम नाले का टेंडर निकाला गया, परंतु किसी ठेकेदार ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखायी. इसके कारण इस नाले का टेंडर दूसरी बार निकालने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
जल्द निकाला जायेगा रास्ता
जलजमाव को ध्यान में रख कर नगर निगम द्वारा बॉटम नाले के निर्माण में दो करोड़, कुजापी नाले के निर्माण के लिए तीन करोड़ व नादरागंज नाला निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये का एस्टीमेट नगर विकास विभाग को भेजा गया है. कुछ विभागीय अड़चन के कारण सिंगल व्यक्ति ने टेंडर डाला है. इसके बाद योजना का क्रियान्वयन आज तक नहीं कराया जा सका है.
इसका स्थायी निदान निकालने के लिए ही विभाग के नियम को थोड़ा लचीला बनाया जायेगा. (पहले से नियम है कि बड़े नाले जिनका निर्माण आरसीसी व पीसीसी दोनों तरीके से कराना है, उसमें वहीं ठेकेदार भाग लेंगे, जिनके पास दोनों तरह के निर्माण के लिए मिक्चर प्लांट व लाइसेंस हैं). इस संबंध में विभागीय मंत्री महेश्वर हजारी ने गया समाहरणालय में हुई बैठक के दौरान विभाग के मुख्य अभियंता को निर्देश भी दिया है. इसके बाद किसी दूसरे के मिक्चर प्लांट से सहयोग लेकर भी ठेकेदार इस योजना में काम करा सकेंगे. इन नालों के निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद शहर के लोगों को जलजमाव का सामना नहीं करना पड़ेगा.
मोहन श्रीवास्तव, डिप्टी मेयर
कागजी कार्रवाई पूरी कर हटाया जाये अतिक्रमण
जिन लोगों ने बॉटम नाले पर अतिक्रमण किया है, वे नगर निगम की नोटिस के बाद खुद अतिक्रमण हटा लें. ऐसा नहीं करते हैं, तो नगर निगम प्रक्रिया पूरी कर अतिक्रमण हटाने का काम शुरू कराये, ताकि बाद में लोग कोई अड़चन न डाल सकें. अतिक्रमण के कारण कई जगहों पर जलजमाव की स्थिति बन जाती है. नगर निगम को हर साल इसी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अब समय आ गया है कि इसका कोई स्थायी निदान निकाला जाये.
लालजी प्रसाद, पार्षद, वार्ड नंबर-22
हमारे वार्ड में 38 लोगों ने बॉटम नाले में अतिक्रमण कर टंकी का निर्माण कराया है. उसके साथ ही कई लोग नाले में ही शौचालय की गंदगी गिराते हैं. इसकी सूची बना कर नगर निगम को उपलब्ध करा दी गयी है. इन लोगों को पिछले साल नोटिस भी भेजा गया, लेकिन कई लोगों ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया. नगर निगम के कमजोरी के कारण लोगों द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है. जिस दिन नगर निगम मन बना लेगी, उसी दिन बॉटम नाला अतिक्रमण मुक्त हो जायेगा.
खतीब अहमद, पार्षद, वार्ड नंबर-23
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement