एमसीआइ की रिपोर्ट के बाद मेडिकल काॅलेज प्रबंधन ने भी जवाब तैयार कर राज्य सरकार को भेज दिया है. काॅलेज प्रबंधन ने अपनी रिपोर्ट में उन सभी मुद्दों पर जवाब तैयार किया है, जिन पर एमसीआइ ने सवाल खड़े किये थे. वरीय अधिकारी आश्वस्त हैं कि काॅलेज की सीटों की मान्यता बरकरार रहेगी. इन सभी सीटों पर इस साल नामांकन हो सकेंगे. गौरतलब है कि मेडिकल काॅलेज में पीजी की मौजूद छह सीटों पर भी नामांकन की रोक लगी हुई है.
बाद में प्रबंधन ने सभी वार्ड के बाहर एक एक इंजेक्शन रूम तैयार करा दिया. लेकिन, इस साल जब एमसीआइ की टीम आयी, तो उसने पुरुष व महिला के लिए अलग-अलग इंजेक्शन रूम नहीं होने पर आपत्ति जतायी. काॅलेज प्रबंधन ने इस व्यवस्था को भी जल्द शुरू करने की बात कही.
उसमें कहा गया है कि एमसीआइ के तय मानक के मुताबिक कैंपस में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का भी काम शुरू कर दिया है. कुछेक इमारतें बन गयी हैं, तो कुछ को इस वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जाना है. प्रबंधन ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में थोड़ा वक्त लगेगा. गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष में कैंपस में प्रशासनिक भवन, 50-50 बेडवाले पीजी छात्रावास, प्राचार्य आवास, 66 ट्यूटर/सीनियर रेजिडेंट आवास के निर्माण का प्रस्ताव बना था. इनका निर्माण अभी अंतिम चरण में है. नये वित्त वर्ष में 250-250 छात्रों के बैठने के लिए दो लेक्चर थियेटर, चार मंजिला 60 बेडवाली इमरजेंसी बिल्डिंग,136 बेड का गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण होना है. इन सब में कुल 30 करोड़ का खर्च होगा.