– अभय कुमार सिंह –
गया : भोजन में जहर की अफवाह से लड़खड़ायी मध्याह्न् भोजन (एमडीएम) योजना एक बार फिर संकट में आ गयी है. अब चावल की कमी ने सवाल खड़े कर दिये हैं. खाद्य निगम के गोदाम में चावल का स्टॉक खत्म हो जाने से गया जिले के 250 स्कूलों में मध्याह्न् भोजन (एमडीएम) बनना बंद हो गया है.
चावल का इंतजाम शीघ्र नहीं किया गया, तो अन्य स्कूलों के चूल्हे भी ठंडे पड़ जायेंगे. हालांकि, इस मुद्दे पर एमडीएम प्रभारी व एसएफसी प्रबंधक के बयान विरोधाभासी हैं.
एमडीएम प्रभारी मो शफीक का कहना है कि एफसीआइ के गोदाम में चावल का स्टॉक खत्म हो जाने के कारण लास्ट क्वार्टर(जनवरी-मार्च) का 36 हजार क्विंटल चावल नहीं मिल पा रहा है. इस कारण अब तक 250 स्कूलों में एमडीएम बनना बंद हो गया है.
उन्होंने बताया कि जिले में वैसे स्कूलों की संख्या 3053 है, जहां एमडीएम बनता है. इसके लिए प्रति माह 12 हजार क्विंटल चावल की जरूरत होती है. यदि शीघ्र चावल की व्यवस्था नहीं हुई, तो सभी स्कूलों में एमडीएम बनना बंद हो जायेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि 18 जनवरी को एसएफसी के मैनेजर ने 6600 क्विंटल चावल का स्टॉक इश्यू ऑर्डर जारी किया है, लेकिन गोदाम में चावल नहीं है.
इधर, एसएफसी के प्रबंधक हरेंद्र नाथ दूबे ने बताया कि 8800 क्विंटल चावल की आवश्यकता होती है. तत्काल 6600 क्विंटल चावल उपलब्ध है. फिलहाल एक-एक माह का चावल सभी स्कूलों को देने पर विचार किया जा रहा है. संभव है तब तक एफसीआइ के गोदाम में चावल आ जाये.