गया : नेपाल से बच्चों को गया लाकर भीख मंगवाने का मामला सामने है. शनिवार की सुबह गया जंकशन पर लक्ष्य नामक गैर-सरकारी संस्था व जीआरपी ने 13 नेपाली बच्चों को बरामद कर मामले का खुलासा किया.
बरामद सभी बच्चे 3 से 11 वर्ष के बीच के हैं. बच्चों के साथ आठ की संख्या में लोग भी पकड़े गये, जिन्होंने खुद को बच्चों के पिता व अभिभावक बताया. हालांकि, पूछताछ के बाद सभी बच्चों को अभिभावकों के हवाले यह हिदायत देते कर दिया गया कि दोबारा ऐसा मामला सामने आया, तो सख्त कार्रवाई की जायेगी.
पूछताछ के दौरान लक्ष्य के समन्वयक मनोज कुमार को परिजनों ने बताया कि वे अपने बच्चों के साथ बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे थे, लेकिन समन्वयक का कहना था कि पूरा मामला धर्म के नाम पर बच्चों से भीख मंगवाने का है.
लक्ष्य के निदेशक मनोज कुमार ने नेपाल के सर्लाही स्थित बाल संरक्षण संस्थान से मामले की जांच करने का अनुरोध किया. इस पर बाल संरक्षण संस्थान व जिला चाइल्ड वेलफेयर बोर्ड सर्लाही, नेपाल ने कहा कि सभी बच्चों समेत उनके अभिभावकों को सुरक्षित रखा जाये.
संस्था के कर्मचारी गया पहुंच कर मामले की छानबीन करेंगे. इसके बाद सभी बच्चों व अभिभावकों को स्टेशन रोड स्थित रेस्क्यू जंकशन रखा गया. रविवार को सभी को चाइल्ड केयर सेंटर (सीडब्ल्यूसी) के पास भेज दिया गया.
इस बीच, सर्लाही से दो कर्मचारी दिनेश धिमिर व सरोज राज गया पहुंचे. दोनों कर्मचारियों ने सीडब्लूसी के अध्यक्ष मनोज कुमार सिन्हा, सदस्य शिवदत्त कुमार व अनिल कुमार के समक्ष बच्चों व अभिभावकों से पूछताछ की. इस दौरान पता चला कि ये लोग बच्चों से धर्म के नाम पर भीख मंगवाने का काम करवाते हैं. प्रत्येक बच्चे की कमाई लगभग 4000 से 5000 रुपये तक होती है.
इस कमाई का कुछ हिस्सा बच्चों को लाने वाले व्यक्ति को दिया जाता है. पूछताछ में दोनों कर्मचारियों ने बताया कि जिन बच्चों के पिता या अभिभावक साथ नहीं आते हैं, वैसे बच्चे मानव व्यापार का शिकार हो जाते हैं. सीडब्लूसी के अध्यक्ष ने बताया कि नेपाल की संस्था के दोनों सदस्यों के साथ बातचीत व मामले की छानबीन के बाद कागजी कार्रवाई कर सभी बच्चों को अभिभावकों को सौंप दिया गया. उन्हें दोबारा ऐसी गलती नहीं करने की हिदायत दी गयी है.