गया: नगर निगम में बढ़ते भ्रष्टाचार व कर्मचारियों का दमन करने का आरोप लगाते हुए एक बार फिर शुक्रवार से निगम के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. इस दौरान हरेराम सिंह की अध्यक्षता में आमसभा की गयी. इसमें सर्वसम्मति से बकाया वेतन, भ्रष्टाचार, कर्मचारियों पर दमन, निगम के मजदूरों का शोषण व निगम की जमीनों को बेचने के रवैये के खिलाफ मजदूरों ने प्रस्ताव लाया. आमसभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 28 दिसंबर को नगर आयुक्त का पुतला दहन कर भ्रष्टाचार का विरोध करेंगे और हड़ताल जारी रखी जायेगी.
लूट-खसोट का अड्डा बना नगर निगम
यूनियन के महामंत्री अमृत प्रसाद ने आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधि व लोकसेवक अपने पदों का दुरुपयोग कर निगम को लूट-खसोट का अड्डा बनाये हुए हैं. चार से 10 बजे रात तक कार्यालय खोल कर करोड़ों रुपये के चेक का 27 नवंबर से 26 दिसंबर के बीच अवैध ढंग से भुगतान किया गया है. दैनिक मजदूरों को इस साजिश में शामिल करने के लिए 26 दिसंबर को मानदेय पर बहाली करने का प्रस्ताव दिया है, जबकि एक तिहाई पार्षद इस बैठक में उपस्थित नहीं थे. पीपीपी मॉडल के आधार पर निगम की कीमती जमीनों को बेच कर विकास के नाम पर करोड़ों रुपये की कमाई का प्रयास कर रहे हैं.
श्री प्रसाद ने कहा कि अधिकारी नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए कर्मचारियों का निलंबन, स्थानांतरण व पदोन्नति के मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं, ताकि कर्मचारियों को बाजार का एक अंग बना सकें. विगत दिनों अधिकारियों को सेवा विस्तार का प्रभार देने का लालच देकर निगम के अंदर काली कमाई का रास्ता निगम से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने साफ कर लिया है. यूनियन इसका विरोध करती है. उन्होंने बताया कि इस मामले में कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी से मांग की गयी है.