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सहूलियत. मन्नूलाल केंद्रीय पुस्तकालय को ऑनलाइन करने की तैयारी, अब छात्रों को शोध में होगी सुविधा

बोधगया: विश्वस्तर पर चर्चित पुस्तकालयों को कोहा इंटरनेशनल लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर मैनेजमेंट के जरिये ऑन लाइन किया गया है. अब एमयू स्थित मन्नूलाल केंद्रीय पुस्तकालय को विश्वस्तरीय पुस्तकालयों की गिनती में शामिल करने के दृष्टिकोण से कुलपति प्रो (डॉ) मोहम्मद इश्तियाक ने महत्वपूर्ण पहल की है. कुलपति की योजना है कि लाइब्रेरी को ऑनलाइन करने से […]

बोधगया: विश्वस्तर पर चर्चित पुस्तकालयों को कोहा इंटरनेशनल लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर मैनेजमेंट के जरिये ऑन लाइन किया गया है. अब एमयू स्थित मन्नूलाल केंद्रीय पुस्तकालय को विश्वस्तरीय पुस्तकालयों की गिनती में शामिल करने के दृष्टिकोण से कुलपति प्रो (डॉ) मोहम्मद इश्तियाक ने महत्वपूर्ण पहल की है. कुलपति की योजना है कि लाइब्रेरी को ऑनलाइन करने से पुस्तक प्रेमियों के साथ-साथ विभिन्न विषय पर शोध करनेवाले रिसर्चरों को लाइब्रेरी से संबंधित पुस्तकों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने में सहूलियत होगी.
इस बाबत कुलपति के निर्देश पर नयी दिल्ली की एजेंसी ओपन एलएक्स टेक्नोलॉजी कंपनी की टीम शुक्रवार को एमयू पहुंची व मन्नुलाल केंद्रीय पुस्तकालय के परिसर में कोहा इंटरनेशनल लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर से संबंधित प्रेजेंटेशन दिया. टीम का नेतृत्व कर रहे दिवेश पांडेय ने वहां मौजूद रजिस्ट्रार डॉ सीताराम सिंह, सीसीडीसी प्रो उपेंद्र नाथ वर्मा, डॉ कपिल देव सिंह व मन्नू लाल केंद्रीय पुस्तकालय के को-ऑर्डिनेटर डॉ एमएमए अंसारी सहित अन्य अधिकारियों को कोहा इंटरनेशनल लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर मैनेजमेंट से संंबंधित हर प्रकार की बातों की जानकारी दी. टीम ने लाइब्रेरी को 24 घंटे अप-टू-डेट रखने व लाइब्रेरी में कौन-पुस्तकों कहां रखी है और उस पुस्तक से संबंधित पूरी जानकारी सॉफ्टवेयर के जरिये कैसे उपलब्ध होती है, बारीकी से जानकारी दी.
पुस्तकालय में एक लाख 60 हजार पुस्तकें, सबके बारे में आसानी से मिलेगी जानकारी
मन्नूलाल केंद्रीय पुस्तकालय के को-ऑर्डिनेटर डॉ एमएमए अंसारी ने बताया कि इस पुस्तकालय में एक लाख 60 हजार पुस्तकें हैं. साथ ही सदियों पुरानी पांडुलिपियां हैं. इस लाइब्रेरी को ऑन लाइन करने के पीछे मकसद है कि पुस्तकों से संबंध रखनेवाले लोग आसानी से संबंधित सॉफ्टवेयर के जरिये हर प्रकार की जानकारी पा सके. इसमें कुलपति ने महत्वपूर्ण पहल की है. इसी योजना के तहत कोहा इंटरनेशनल लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर को मन्नूलाल केंद्रीय पुस्तकालय में स्थापित करने को लेकर नयी दिल्ली की एजेंसी ने प्रजेंटेशन रखा है. यह सॉफ्टवेयर देश-दुनिया के चर्चित पुस्तकालयों में लगा है. उन्होंने बताया कि नयी दिल्ली की एजेंसी ओपन एलएक्स टेक्नोलॉजी कंपनी ने अबतक बिहार स्थित कृषि विश्वविद्यालय, सबौर व नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर लीची सहित देश के विश्व स्वास्थ्य संगठन, आइआइटी दिल्ली, आइआइटी कानपुर, आइआइटी हिमाचल प्रदेश, इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीचयूट नयी दिल्ली सहित श्रीलंका, बांग्लादेश व म्यांमार स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन में सॉफ्टवेयर लग चुका है.
… तो लाइब्रेरी से बंद हो जायेगी पुस्तकों की चोरी
आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि कोहा इंटरनेशनल लाइब्रेरी सॉफ्टवेयर मैनेजमेंट एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो काफी अपडेट है. इस सिस्टम के तहत अगर पुस्तकों में चिप्स लग गया, तो लाइब्रेरी से शरारती तत्वों द्वारा पुस्तकों की चोरी व खोने जैसे घटनाएं बंद हो जायेगी. सूत्र बताते हैं कि चिप्स लग जाने के बाद अगर कोई व्यक्ति पुस्तकालय से किसी पुस्तक को संबंधित कर्मचारी के जरिये कंप्यूटर में इंट्री कराये बगैर पुस्तकालय के मुख्य द्वार से बाहर ले जाने की कोशिश करेगा, तो वहां लगा अलार्म बजने लगेगा व पुस्तकालय के कर्मचारियों को अलर्ट करेगा कि कोई व्यक्ति लाइब्रेरी से चोरी छिपे या बिना इंट्री कराये पुस्तक को लाइब्रेरी से बाहर ले जा रहा है. अगर कोई व्यक्ति उस चिप्स को उखाड़ने का प्रयास करेगा, तो वह नहीं उखड़ेगा. उखाड़ने के दौरान चिप्स क्षतिग्रस्त हो जायेगा. लेकिन, इससे पहले अलार्म बजना शुरू हो जायेगा.

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