उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार द्वारा गैरमजरूआ जमीन पर वर्षों से बसे हुए परिवारों को उजाड़ने की बात कही जाती है, तो दूसरी तरफ सरकार के आदेश के बावजूद स्थानीय नगर निकायों द्वारा जमीन हस्तांतरित इसलिए नहीं किया जा रहा है कि नगर में ऐसी जमीन अभी तक चिह्नित ही नहीं की जा सकी है.
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मलीन बस्तियों के लोगों को मिले भूमि व आवास
गया: ‘माय सिटी माय राइट्स’ अभियान के तहत रविवार को गांधी मंडप में हुई बैठक में सरकार से शहर की मलीन बस्तियों के लोगों को भूमि व आवास देने की मांग की गयी. बैठक में अविद्या विमुक्ति संस्थान के संचालक सह जन अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि जीतनराम मांझी के […]
गया: ‘माय सिटी माय राइट्स’ अभियान के तहत रविवार को गांधी मंडप में हुई बैठक में सरकार से शहर की मलीन बस्तियों के लोगों को भूमि व आवास देने की मांग की गयी.
बैठक में अविद्या विमुक्ति संस्थान के संचालक सह जन अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि जीतनराम मांझी के मुख्यमंत्रित्व काल में सरकार द्वारा मलीन बस्तियों के लोगों को जमीन व आवास उपलब्ध कराने की योजना बनायी थी. सरकार परिवर्तन के साथ ही प्रशासनिक कार्यशैली भी बदल गयी.
संवर्द्धन सामूहिक विकास समिति महासंघ की अध्यक्ष शीला देवी ने कहा कि अब अपने स्तर से जमीन तलाश कर उसका खाता व प्लाट नंबर प्रशासन को उपलब्ध कराना होगा. महासंघ के महासचिव ने बताया कि विधानसभा में विरोधी दल के नेता ने आश्वासन दिया है कि मलीन बस्तियों में जल्द ही सामुदायिक भवन व चापाकल लगाने का काम शुरू होगा. इस मौके पर सुषमा देवी, निरमा देवी व रेखा मांझी आदि मौजूद थीं.
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