इसमें सामाजिक संस्था व गैर सरकारी संगठन भी सहयोग करें. कार्यक्रम की देखरेख मगध विश्वविद्यालय छात्र प्रमुख रश्मि कुमारी ने किया. विषय प्रवेश मगध विश्वविद्यालय संगठन मंत्री अमित कुमार छोटी ने कराया. सेमिनार को अभाविप के विभाग प्रमुख मधुरेंद मनोहर, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ रूपेश कुमार, सौरभ कुमार व मुकेश सिन्हा ने भी संबोधित किया. इस मौके पर मगध विश्वविद्यालय कैंपस अध्यक्ष अमन मिश्रा, उपाध्यक्ष समिर कुमार, रचित कुमार, सुबोध कुमार पाठक, स्नेहा चौबे, पायल यादव, मुक्ता दीप, काजल कुमारी, परदेसी पासवान, संदीप कुमार व पीयूष यादव सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
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एमयू में पूर्वोत्तर को जानो-भारत जानो विषय पर सेमिनार में बोले वक्ता, जगाएं अपनापन का भाव
बोधगया: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा वर्ष 1966 में शुरू किये गये अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन नामक कार्यक्रम के 50 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय स्थित राधाकृष्णन सभागार में पूर्वोत्तर को जानो-भारत जानो विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार का उद्घाटन […]
बोधगया: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा वर्ष 1966 में शुरू किये गये अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन नामक कार्यक्रम के 50 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय स्थित राधाकृष्णन सभागार में पूर्वोत्तर को जानो-भारत जानो विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार का उद्घाटन अभाविप के प्रदेश मंत्री दीपक कुमार, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ रूपेश कुमार व एमयू छात्र संगठन के अध्यक्ष रामानंद यादव ने मां सरस्वती व स्वामी विवेकानंद की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर किया.
सेमिनार को संबोधित करते हुए अभाविप के प्रदेश मंत्री दीपक कुमार ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की सभ्यता, संस्कृति, खान-पान व वेशभूषा देश के अन्य राज्यों से बिल्कुल अलग है. इसके बावजूद असम, नागालैंड, मेघालय व अरुणाचल प्रदेश सहित अन्य राज्य देश के अभिन्न अंग हैं. देश के अन्य राज्यों के लोगों काे पूर्वोत्तर राज्यों की सभ्यता-संस्कृति को गहराई से समझने की जरूरत है. इसके लिए अभाविप द्वारा वर्ष 1966 में अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन कार्यक्रम के जरिये पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में देश के लोगों व छात्र-छात्राओं में जागरूकता फैलाने के लिए एक अभियान शुरू किया गया था. वर्ष 2015-16 में इस कार्यक्रम के 50 वर्ष पूरा होने पर स्वर्णिम यात्रा के तहत ऐसे समाराेहों का आयोजन किया जा रहा है.
यह सभी अभाविप कार्यकर्ताओं व विद्यार्थियों के लिए सौभाग्य की बात है कि वे ऐसे समारोह के साक्षी बन रहे हैं. एेसे समाराेह का उद्देश्य है कि इससे देश के लोगों में पूर्वोत्तर राज्यों के प्रति स्वाभाविक, सहज व अपनापन का भाव जागृत हो. पूर्वोतर के लोगों में राष्ट्रीय स्वाभिमान का भाव दृढ़ व प्रखर हो. केंद्र व राज्य सरकारें संभावनाओं व अवसरों की पहचान कर पूर्वोत्तर क्षेत्रों में विकास की गति बढ़ाये.
जेएनयू में देश को तोड़ने जैसी गतिविधियां
सेमिनार में अभाविप के प्रदेश मंत्री ने कहा कि जेएनयू में देश को तोड़ने की गतिविधियां चलायी जा रही हैं. जेएनयू में हुई घटनाओं से आज समाज में छात्रों के प्रति गलत विचार बना है. अभाविप द्वारा देश को एक करने के लिए जगह-जगह परिचर्चा का अायोजन किया जा रहा है. किसी भी व्यक्ति से पहले देश महान हो, इसके लिए युवाओं को जागरूक करना होगा. देश को आजादी दिलानेवाले महान सपूतों को याद करना भी भारतीस सभ्यता व संस्कृति का एक अंग है. इस तरह के कार्यक्रमाें के जरिये अभाविप द्वारा यह बताया जा रहा है कि देश के युवा सकारात्मक कार्यों में ज्यादा निष्ठा रखते हैं.
पूर्वोत्तर पर शोध करने की जरूरत
सेमिनार में भूगोल विभाग के प्राध्यापक वीरेंद्र कुमार ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों काे भारत के साथ जोड़े रखने, मधुरता बनाये रखने व पूर्वोतर के बारे में लोगों को जानकारी देने की दिशा में यह एक सकरात्मक पहल है. मगध विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष रामानंद यादव ने कहा कि छात्र को पूर्वोतर राज्यों के आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक व ऐतिहासिक विषयों पर शोध करने की जरूरत है. सेमिनार में अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन के 50 साल के गौरवपूर्ण इतिहास पर भी चर्चा की गयी.
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