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मगध विवि में जेएनयू जैसे हालात बनाने की कोशिश!

बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के राधाकृष्णन सभागार में शुक्रवार को आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा आयोजित सेमिनार का एमयू के फिजियोथेरेपी के दो छात्रों की गिरफ्तारी को लेकर एमयू मेें हंगामा कर रहे छात्र संगठनों के नेताओं ने विरोध किया. इन छात्र नेताओं ने अभाविप को सेमिनार के लिए […]

बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के राधाकृष्णन सभागार में शुक्रवार को आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा आयोजित सेमिनार का एमयू के फिजियोथेरेपी के दो छात्रों की गिरफ्तारी को लेकर एमयू मेें हंगामा कर रहे छात्र संगठनों के नेताओं ने विरोध किया.

इन छात्र नेताओं ने अभाविप को सेमिनार के लिए सभागार उपलब्ध कराने को लेकर हंगामा भी किया. सूचना पाकर पुलिसबल के साथ पहुंचे मगध विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष जयशंकर कुमार ने सेमिनार का जायजा लिया और अभाविप के मगध विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रामानंद यादव व मधुरेंद्र मनोहर अादि कार्यकर्ताओं से बातचीत की. साथ ही थानाध्यक्ष ने राधाकृष्णन सभागार में तैनात निजी सुरक्षाकर्मियों को हर पल अलर्ट रहने का निर्देश दिया.

रजिस्ट्रार के पास पहुंचे अभाविप के कार्यकर्ता
कुछ छात्र संगठओं के नेताओं द्वारा सेमिनार का विरोध किये जाने पर अभाविप के कार्यकर्ता वंदे मातरम, एमयू में दादागिरी नहीं चलेगी आदि नारे लगाते हुए एमयू के रजिस्ट्रार प्रो सीताराम सिंह के चैंबर में पहुंच गये. रजिस्ट्रार के चैंबर में नारेबाजी की सूचना मिलते ही प्रतिकुलपति प्रो (डॉ) कृतेश्वर प्रसाद, डीएसपी (विधि-व्यवस्था) सतीश कुमार व मगध विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष जयशंकर कुमार भी वहां पहुंचे और अभाविप के कार्यकर्ताओं की शिकायत सुनी. इसी बीच अभाविप के प्रदेश मंत्री दीपक कुमार भी वहां पहुंच गये.
एमयू करे ठोस कार्रवाई
अभाविप के मगध विश्वविद्यालय छात्र संगठन के अध्यक्ष रामानंद यादव ने प्रतिकुलपति व रजिस्ट्रार से कहा कि क्या एआइएसएफ (अॉल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन) व छात्र राजद के छुटभैये नेता एमयू में जेएनयू जैसे हालात पैदा करना चाहते हैं. अगर, शैक्षणिक मामलों को लेकर सेमिनार हो रहा है, तो इन दोनों संगठनों को इसमें क्या आपत्ति हो रही है. क्या किसी संगठन को सेमिनार करने की इजाजत इन्हीं दोनों संगठनों से लेनी होगी. एआइएसएफ व छात्र राजद के नेताओं का स्टेटस ही देख लीजिए. उनके पास रुपये कहां से आते हैं. अभाविप के कार्यकर्ता हमेशा जमीन से जुड़ कर कामकाज करते हैं. दर्जनों बार एमयू में धरना-प्रदर्शन हुआ, लेकिन कभी भी अभाविप के कार्यकर्ताओं ने तोड़-फोड़ व कानून को हाथ में लेकर प्रदर्शन नहीं किया. ऐसे संगठनों के नेताओं को एमयू प्रशासन चिह्नित कर ठोस कार्रवाई करे.
प्रतिकुलपति ने जतायी हैरानी, दिये निर्देश
अभाविप के कार्यकर्ताओं की शिकायत सुन कर प्रतिकुलपति ने हैरानी जताते हुए रजिस्ट्रार से पूछा कि किसी संगठन से जुड़े सेमिनार को एमयू परिसर में आयोजित करने की इजाजत कैसे मिल गयी. अगर उन्हें सेमिनार करने की इजाजत दूरस्थ शिक्षा निदेशालय से मिल गयी थी, तो इसकी सूचना रजिस्ट्रार व कुलसचिव सहित अन्य प्रमुख पदाधिकारियों को क्यों नहीं दी गयी. प्रतिकुलपति ने आदेश दिया कि एमयू के सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिया जाये कि अगर उनके डिपार्टमेंट में किसी प्रकार का सेमिनार हो, तो सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किये जायें.
कुलसचिव ने जतायी आपत्ति
एमयू के कुलसचिव डॉ नंद कुमार यादव ने भी अभाविप नेता रामानंद यादव से सवाल किया कि अगर उन्हें सेमिनार करने की इजाजत मिल गयी थी, तो उसकी सूचना उनके अलावा एमयू के अन्य वरीय अधिकारियों व मगध विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष जयशंकर कुमार को क्यों नहीं दी गयी. अगर कोई विपरीत परिस्थिति आयी, तो उससे कौन निबटेगा.
इसका जिम्मेवार कौन होगा. इस पर अभाविप नेता रामानंद यादव ने भी अपनी गलती स्वीकारी. इसके बाद रजिस्ट्रार प्रो सीताराम सिंह ने अभाविप के कार्यकर्ताओं को समझाते हुए कहा कि हाल के दिनों में एमयू के हालात में परिवर्तन हुआ है. अब छोटी-छोटी बातों पर भी बड़ा विवाद हो जाता है. ऐसे विवादों में नहीं पड़ना है, तो नियम-कानून के साथ कामकाज करें. फिर कोई परेशानी नहीं होगी. इस मामले को वह खुद अपने स्तर से देख रहे हैं.

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