गया: प्रमंडलीय आयुक्त लियान कुंगा ने कामकाज संभालने के दूसरे दिन शुक्रवार की शाम विकास याेजनाआें की समीक्षा की. कल्याण व स्वास्थ्य के अलावा विकास की विभिन्न याेजनाआें का भी जायजा लिया.
बातचीत व समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास याेजना, समेकित कार्ययाेजना, मनरेगा, चतुर्थ वित्त, 13वीं वित्त व बीआरजीएफ, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास याेजना व अन्य याेजनाआें के क्रियान्वयन की धीमी रफ्तार पर उन्होंने नाराजगी जतायी. उन्हाेंने सभी जिलाें (मगध क्षेत्र) के डीडीसी, जिला याेजना पदाधिकारी, आइएपी प्रभारी व अभियंताआें से कहा कि 31 मार्च तक अधूरे कामकाज निबटा लें. लापरवाही बरदाश्त नहीं की जायेगी. कामकाज से जुड़े एजेंसी व ठेकेदारों की समस्या जानें. पता करें कि किसी काम को जानबूझ कर तो नहीं फंसाया गया. अगर ऐसा है, तो जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें. प्राथमिकी दर्ज कर पैसा सरेंडर करवायें.
नवादा आइएपी से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश : बैठक में पता चला कि नवादा के समेकित कार्ययाेजना (आइएपी) प्रभारी मुकेश शर्मा पिछले एक साल से मीटिंग में नहीं आये हैं. वह रिपाेर्ट भी नहीं भेजते हैं. इस पर आयुक्त ने सचिव राधाकिशाेर झा काे निर्देश दिया कि उनसे स्पष्टीकरण मांगें और संतुष्ट नहीं होने पर कार्रवाई के लिए अनुशंसा करें. अधिकारियों ने बताया कि सभी जिलों में एसी बिल के रूप में 10-12 कराेड़ रुपये लंबित हैं. इस पर आयुक्त ने अफसरों से फरवरी के अंत तक निबटा देने का निर्देश दिया.
विभिन्न योजनाओं का हाल : मनरेगा की समीक्षा के दाैरान पाया कि गया जिले में कार्य का प्रतिशत 46.96 प्रतिशत (चतुर्थ वित्त), 38.72 प्रतिशत (13वें वित्त) व 82.94 प्रतिशत (बीआरजीएफ) में है. इसी तरह आैरंगाबाद जिले में चतुर्थ में 29.78 प्रतिशत, 13वें वित्त में 39.92 प्रतिशत व बीआरजीएफ में 52.48 प्रतिशत है. नवादा में क्रमश: 41.72 प्रतिशत, 54.28 प्रतिशत व 61.23 प्रतिशत है. जहानाबाद में 73.28 प्रतिशत, 32.15 प्रतिशत व 49.31 प्रतिशत, जबिक अरवल में तीनाें याेजनाआें में क्रमश: 55.93 प्रतिशत, 42.04 प्रतिशत व 54.46 प्रतिशत है.
इन याेजनाआें का भाैतिक हाल प्रस्तुत किया गया, जिसमें गया में चतुर्थ वित्त की कुल 315 याेजनाआें में पूर्ण 238 व अपूर्ण 77 मिलीं, जिनका प्रतिशत 75.56 है. 13वें वित्त में कुल 465 याेजनाआें में पूर्ण 48, अपूर्ण 417 व इनका प्रतिशत 10.32 प्रतिशत है. इसके बाद बीअारजीएफ की याेजना में कुल 356 याेजनाआें में पूर्ण 113, अपूर्ण 443 व इनका प्रतिशत 31.74 है. इसी तरह आैरंगाबाद में क्रमश: चतुर्थ वित्त में 1351, 569, 783 व 42.09 प्रतिशत, 13वें वित्त में 1103, 559, 644 व 41.61 व बीआरजीएफ में 678, 267, 411 व 39.38 प्रतिशत है. नवादा जिले में उक्त तीनाें याेजनाआें में क्रमश: चतुर्थ वित्त में 2242, 1617, 625 व 72.12 प्रतिशत, 13वें वित्त में 1830, 1017, 813 व 55.57 प्रतिशत व बीआरजीएफ में 1657, 1006, 651 व 60.71 प्रतिशत है. इसी तरह जहानाबाद में इन याेजनाआें में क्रमश: चतुर्थ वित्त में 48, 12, 36 व 25 प्रतिशत, 13वें वित्त में 65, 11, 54, व 29 प्रतिशत, बीआरजीएफ में 57, 20, 57 व 35.8 प्रतिशत है. अरवल में तीनाें याेजनाआें में क्रमश: चतुर्थ वित्त में 304, 167, 137 व 54.93 प्रतिशत, 13वें वित्त में 310, 143, 167 व 46.13 प्रतिशत, बीआरजीएफ में 294, 155, 139 व 52.72 प्रतिशत है.
मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास याेजना में वित्त वर्ष 2011-12 व 2013-14 तक की ली गयी याेजनाआें में गया जिले में 1146 पूरी व 471 अधूरी, जहानाबाद में 388 पूरी, 14 अधूरी व 24 याेजनाएं रदद् की गयीं. अरवल जिले में 183 पूरी व 13 अधूरी, आैरंगाबाद में 900 पूरी व 45 अधूरी, 12 याेजनाएं रद्द, नवादा में 642 पूरी व 129 अधूरी, इसी याेजना के तहत वित्त वर्ष 2014-15 के तहत गया में 472 पूरी, 373 अधूरी, जबकि प्रशासनिक स्वीकृति 100.17 प्रतिशत है. जहानाबाद में 136 पूरी, 50 अधूरी, प्रशासनिक स्वीकृति 103.18 प्रतिशत, अरवल में 127 पूरी, 24 अधूरी, प्रशासनिक स्वीकृति 105.16 प्रतिशत, आैरंगाबाद में 310 पूरी, 129 अधूरी व प्रशासनिक स्वीकृति 104.62 प्रतिशत, नवादा जिले में 402 पूरी, 55 अधूरी, प्रशासनिक स्वीकृति 99.34 प्रतिशत रही. इसी तरह इसी याेजना मद में वर्ष 2015-16 में गया जिले में 346 पूरी, 452 अधूरी, जहानाबाद में 123 पूरी, 37 अधूरी, अरवल जिले में 80 पूरी, 28 अधूरी, आैरंगाबाद में 175 पूरी, 18 अधूरी, नवादा जिले में 348 पूरी व 190 अधूरी पायी.समेकित कार्य याेजना (आइएपी) के तहत गया जिले में 1758 पूरी, जबकि 283 अधूरी, आैरंगाबाद में 1231 पूरी व 183 अधूरी, अरवल जिले में 600 पूरी, 83 अधूरी, जहानाबाद में 1487 पूरी व 19 अधूरी, नवादा जिले में 439 पूरी व 109 अधूरी पायी गयीं. राष्ट्रीय सम विकास याेजना/मुख्यमंत्री जिला विकास याेजना, जाे 2009 में ही समाप्त हाे गयाी है, में गया में दाे, जहानाबाद में 12, नवादा में 27, अरवल में सात याेजनाएं अधूरी पायी गयीं. इन जिलाें में क्रमश: गया में 2483, जहानाबाद में 925, नवादा में 442, अरवल में 266 व आैरंगाबाद में 211 याेजनाएं पूरी कर ली गयी हैं.
आयुक्त ने इन याेजनाआें के लंबित हाेने का कारण जाना. संबंिधत लोगों ने इसके लिए आवंटन का अभाव बताया. समीक्षा के दौरान पता चला कि ‘आपकी सरकार, आपके द्वार’ याेजना जाे समाप्त हाे गयी है, सिर्फ जहानाबाद में एक याेजना अधूरी है. इसी तरह जिला नवाचार निधि, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास याेजना, इ-किसान भवन, कब्रिस्तान घेराबंदी व अन्य याेजनाआें पर चर्चा की गयी. अधिकारियों ने बताया कि इ- किसान भवन व कब्रिस्तान की घेराबंदी याेजना में आवंटन नहीं हुआ है. पंचायत सरकार भवन याेजना में भी पैसा नहीं हाेने के कारण बिल का लंबित हाेना बताया गया.