सरकारी कामकाज में जहां बिजली का उपयोग हो रहा है, उनका बिल सेटेलमेंट के नाम पर ही बन रहा है. बिजली कंपनियों को हो रहे करोड़ों के घाटे का यह भी एक बड़ा कारण है. प्रतिनिधित्व कर रहे लोगों ने बिजली चोरी करनेवालों के खिलाफ भी कार्रवाई कर राजस्व को बढ़ाने के उपाय बताये. लोगों ने कहा कि चोरी करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर जायज उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाना उचित नहीं है. बैठक में मौजूद चैंबर आॅफ काॅमर्स के प्रतिनिधि अरविंद कुमार व आलोक नंदन ने भी अपनी बातें रखीं.
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महंगी बिजली मंजूर नहीं, कुछ और देखें
गया: बिहार विनियामक आयोग बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर रहा है. चर्चा है कि आयोग ने न्यूनतम 10-15 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने के संकेत दिये हैं. हालांकि, आयोग इस प्रस्ताव पर उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया भी ले रहा है. बुधवार को आयोग के चेयरमैन शक्ति कुमार नेगी ने समाहरणालय में […]
गया: बिहार विनियामक आयोग बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर रहा है. चर्चा है कि आयोग ने न्यूनतम 10-15 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने के संकेत दिये हैं. हालांकि, आयोग इस प्रस्ताव पर उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया भी ले रहा है. बुधवार को आयोग के चेयरमैन शक्ति कुमार नेगी ने समाहरणालय में शहर में बिजली उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करनेवाले लोगों के साथ बैठक की.
यहां उपभोक्ताओं ने आयोग के प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया. सीधे तौर पर राज्य में बिजली के राजस्व को बढ़ाने के लिए दूसरे विकल्प तलाशे जाने की बात कही. बैठक की शुरुआत में आयोग के साथ आयी टीम ने प्रोजेक्टर पर पूरे प्रस्ताव को दिखाया. अायोग के सदस्यों ने बिजली की दरों को बढ़ाने के पीछे अपनी दलीलें भी दीं. सदस्यों ने कहा कि राज्य में बिजली विभाग लगातार नुकसान में जा रहा है. संसाधन महंगे होते जा रहे हैं, लेकिन उसके अनुपात में राजस्व नहीं मिल पाता. यही कारण है कि आयोग ने दरों में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया है.
कमियों को तलाशें, सुधर जायेंगे हालात : उपभोक्ताओं का प्रतिनिधत्व कर रहे लोगों ने कहा कि ऊर्जा विभाग व उससे जुड़ीं कंपनियां अगर अपनी कमियों को तलाशें और उन्हें दूर करें, तो बहुत हद तक राजस्व की समस्याएं सुलझ सकती हैं. विद्युत उपभोक्ता संघर्ष समिति के सचिव बृजनंदन पाठक ने कहा कि राज्यभर में अधिकतर जगहों पर सरकारी स्तर पर ही बिजली का दुरुपयोग हो रहा है. सरकारी कार्यालय और बंगले बिना मीटर के ही चल रहे हैं.
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