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पीएलएफआइ के दो हार्डकोर सदस्य गिरफ्तार

पीएलएफआइ के दो हार्डकोर सदस्य गिरफ्तारपीएलएफआइ के जोनल कमांडर संतोष यादव का मोबाइल फोन बरामदचोरी की एक बाइक भी मिलीप्रतिनिधि, डोभी/शेरघाटीशेरघाटी अनुमंडल इलाके में लेवी की मांग को लेकर पीएलएफअाइ नामक नक्सली संगठन द्वारा ताबड़तोड़ हमला कर दहशत कायम करने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने एसटीएफ के सहयोग से बिहार व झारखंड के सीमावर्ती […]

पीएलएफआइ के दो हार्डकोर सदस्य गिरफ्तारपीएलएफआइ के जोनल कमांडर संतोष यादव का मोबाइल फोन बरामदचोरी की एक बाइक भी मिलीप्रतिनिधि, डोभी/शेरघाटीशेरघाटी अनुमंडल इलाके में लेवी की मांग को लेकर पीएलएफअाइ नामक नक्सली संगठन द्वारा ताबड़तोड़ हमला कर दहशत कायम करने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने एसटीएफ के सहयोग से बिहार व झारखंड के सीमावर्ती इलाके में लगातार छापेमारी कर रही है. इस दौरान पुलिस टीम ने सोमवार को मटन मोड़ (अमारूत) से पीएलएफआइ के जोनल कमांडर संतोष यादव द्वारा लेवी मांगने में प्रयोग किये जानेवाले मोबाइल फोन के साथ दो हार्डकोर सदस्यों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से पुलिस टीम ने लूटी गयी एक बाइक भी बरामद की है. पकड़े गये नक्सलियों की पहचान चतरा जिले के जोरी थाने के कुरीद गांव के रहनेवाले अमरेश यादव व चतरा के सदर थाने के गेवाल टोली के रहनेवाले पंकज कुमार के रूप में की है. बरामद मोटरसाइकिल के असली मालिक के बारे पता लगाने के लिए पुलिस टीम ने नंबर प्लेट, इंजन व चेसिस नंबर के आधार पर बिहार व झारखंड के परिवहन विभाग व आसपास के थानों की पुलिस से संपर्क किया है. पुलिस काे आशंका है कि दोनों नक्सलियों के पास से बरामद बाइक कहीं से लूटी गयी है.एसटीएफ डीएसपी व शेरघाटी डीएसपी ने की पूछताछपुलिस की पकड़ में आये दोनों नक्सलियों से एसटीएफ डीएसपी आलोक कुमार व शेरघाटी डीएसपी उपेंद्र प्रसाद सहित एसएसपी कार्यालय के टेक्निकल सेल के पुलिस पदाधिकारियों ने पूछताछ की. नक्सलियों के पास से बरामद पीएलएफआइ के जोनल कमांडर संतोष यादव के मोबाइल फोन का भी कॉल डिटेल रेकॉर्ड (सीडीआर) खंगालने में जुट गयी है. पूछताछ के दौरान पुलिस टीम को पीएलएफआइ के बारे में कई अहम जानकारियां मिली हैं, लेकिन उनके संदिग्ध ठिकानों पर पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही है.सोमवार की देर रात भी छापेमारीदोनों नक्सलियों की निशानदेही पर डोभी थाने की पुलिस ने एसटीएफ के सहयोग से डोभी-चतरा रोड में स्थित धीरजा पुल के आसपास इलाके में सोमवार की देर रात छापेमारी की. पुलिस टीम को सूचना मिली है कि पीएलएफआइ से जुड़े नक्सली उस रास्ते से होकर गुजरनेवाले हैं. दोनों नक्सलियों से पूछताछ करने के बाद डोभी थानाध्यक्ष विकास कुमार ने उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज किया और उन्हें शेरघाटी कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.लगातार तीन घटनाओं से पुलिस थी सकते में नया साल शुरू होते ही पीएलएफआइ ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया. पिछले सप्ताह पीएलएफआइ ने सबसे पहले करोड़ों की लागत से डोभी नहर के किनारे सड़क निर्माण कार्य में लगे रमिया कंस्ट्रक्शंस की पोकलेन मशीन में दादपुर गांव के पास आग लगा दी थी. इसकी दूसरी रात पीएलएफआइ ने मैगरा थाने के पास डुमरिया-रानी तालाब (पटना) स्टेट हाइवे निर्माण कार्य में जुटे गैमन इंडिया कंपनी के पेटी कांट्रैक्टर खोखर कंपनी के कैंप पर हमला कर सात वाहनों में आग लगा दी थी. इसके तीसरी रात पीएलएफआइ ने जीटी रोड पर स्थित डोभी थाने के पीपरघटी स्थित एक पेट्रोल पंप में अाग लगा कर तहलका मचा दिया था. लगातार घटनाएं कर पीएलएफआइ ने पुलिस को खुली चुनौती दी. इससे पुलिस के कामकाज पर जबदस्त असर पड़ा.तीन रात में लगातार तीन घटनाएं कर पीएलएफआइ द्वारा कहर बरपाने के बाद पटना से जोनल अाइजी कुंदन कृष्णन व आइजी (ऑपरेशन) सुशील मानसिंह खोपड़े डोभी पहुंचे और वहां हो रही घटनाओं का जायजा लिया था. निरीक्षण के दौरान जोनल आइजी ने शेरघाटी इलाके में हो रही पुलिसिंग की पोल खोल दी थी और वहां के पुलिस अधिकारियों को 15 दिनों को अल्टीमेटम दिया था. जाेनल आइजी ने निर्देश देते हुए कहा था कि 15 दिनों में शेरघाटी इलाके में हो रहे सभी अवैध धंधे बंद हो जायें, अन्यथा वह ठोस कदम उठाने को मजबूर हो जायेंगे. जोनल आइजी व आइजी (ऑपरेशन) द्वारा सख्ती बरते जाने के बाद शेरघाटी अनुमंडल इलाके में पुलिस की छापेमारी तेज हुई.

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