बोधगया: बोधगया स्थित ज्ञान भारती आवासीय परिसर में सहोदया इंटर स्कूल फुटबॉल टूर्नामेंट का उद्घाटन गुरुवार को मगध के डीआइजी बच्चू सिंह मीणा, गया कॉलेज के प्राचार्य श्रीकांत शर्मा, मगध सुपर-30 के संचालिका गीता कुमारी, डीएवी के डायरेक्टर डॉ उमाशंकर प्रसाद ने दीप प्रज्वलित कर किया.
समारोह को संबोधित करते हुए डीआइजी श्री मीणा ने कहा कि हार-जीत जीवन का अभिन्न हिस्सा है. जीवन में हार से हतोत्साहित नहीं होना चाहिए. हार के बाद पूरे उत्साह से मंजिल तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए. डीआइजी ने बच्चों के भविष्य की मंगल कामना की. स्कूल के प्राचार्य विनोद कुमार भारद्वाज ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि खेल, खिलाड़ी की आत्मा है.
सभी खिलाड़ियों को इस पवित्र भावना का आदर करना चाहिए. खेल, हमें अनुशासन, संशय, एकजुट होकर संघर्ष करने की भावना, मैत्री और परस्पर सहयोग की सीख देता है. वहीं, गया कॉलेज के प्राचार्य श्रीकांत शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में खेल, जीवन का अभिन्न अंग है. इससे न सिर्फ हम अनुशासन का पाठ पढ़ते हैं, बल्कि इससे हमारी राष्ट्रीय पहचान भी बनती है. गया कॉलेज के अंगरेजी के विभागाध्यक्ष केके नारायण ने कहा कि फुटबॉल का इतिहास बहुत पुराना है.
त्रेता युग में राम अपने भाइयों के साथ गेंद खेला करते थे और द्वापर में श्रीकृष्ण ने भी ग्वाल बालाओं के साथ गेंद खेला करते थे. सन् 1948 के ओलिंपिक खेल में बिहार के एक युवक मेवालाल ने फुटबॉल मैच में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. मगध सुपर-30 की संयोजिका गीता कुमारी ने भी अपने विचार रखें. डीएवी के डायरेक्टर डॉ उमाशंकर प्रसाद ने कहा कि खेल जीवन के चतुर्दिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है. इससे हमारी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान शीघ्र बनती है. उन्होंने सभी प्रतिभागियों के मंगल भविष्य की कामना की. धन्यवाद ज्ञापन सहोदया स्कूल कॉम्पलेक्स के डॉ केके खान ने किया. इस दौरान स्कूल के डायरेक्टर रोमित कुमार ने अतिथियों को बुके व शाल देकर सम्मानित किया. इस मंच का संचालन अंगरेजी के शिक्षक एस चांद व टूर्नामेंट का संचालन राजीव कुमार ने किया. डीआइजी ने खिलाड़ियों के बीच टॉस और फुटबॉल को किक मार कर मैच का प्रारंभ किया.