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ज्ञानी नहीं, विवेकी बनें : प्रपन्नाचार्य

ज्ञानी नहीं, विवेकी बनें : प्रपन्नाचार्यमारुति सेमिनरी स्कूल में वार्षिकोत्सव आयोजित फोटो मानपुर 01 सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करतीं स्कूली छात्राएं.प्रतिनिधि, मानपुरमनुष्य को शिक्षा ग्रहण कर ज्ञानी नहीं, विवेकी बनना चाहिए. साथ ही, संस्कारों को भी अपनाना चाहिए. शिक्षक न केवल किताबी ज्ञान दें, बल्कि बच्चों में संस्कार भी भरें. ये बातें अनंतश्री विभूषित स्वामी राम […]

ज्ञानी नहीं, विवेकी बनें : प्रपन्नाचार्यमारुति सेमिनरी स्कूल में वार्षिकोत्सव आयोजित फोटो मानपुर 01 सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करतीं स्कूली छात्राएं.प्रतिनिधि, मानपुरमनुष्य को शिक्षा ग्रहण कर ज्ञानी नहीं, विवेकी बनना चाहिए. साथ ही, संस्कारों को भी अपनाना चाहिए. शिक्षक न केवल किताबी ज्ञान दें, बल्कि बच्चों में संस्कार भी भरें. ये बातें अनंतश्री विभूषित स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कहीं. वह बतौर मुख्य अतिथि लखीबाग मुहल्ला स्थित मारुति सेमिनरी स्कूल के वार्षिकोत्सव को संबोधित कर रहे थे. इससे पहले स्वामीजी महाराज ने कार्यक्रम का दीप जला कर उद्घाटन किया.स्वामीजी ने कहा कि संसार में पांच तरह के मनुष्य होते हैं- अनपढ़, साक्षर, शिक्षित, ज्ञानी व विवेकी. सभी तरह के मनुष्यों को परिभािषत करते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञानी व विवेकी मनुष्य में ज्यादा फर्क नहीं है. दोनों के पास ज्ञान का अकूत भंडार होता है. लेकिन, ज्ञानी पुरुष हर जगह अपनी ज्ञान का बखान करता रहता है, लेकिन विवेकी मनुष्य समय व परिस्थिति के अनुसार अपने ज्ञान का बखान या इस्तेमाल करता है. शिक्षकों को चाहिए कि वे अपने शिष्यों को शिक्षित व ज्ञानी नहीं, विवेकी बनाएं. स्वामीजी ने कहा कि शिक्षित मनुष्य सिर्फ नौकरी या जीविकोपार्जन के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करता है, जबकि विवेकी मनुष्य अपने ज्ञान का उपयोग समाज कल्याण के लिए करता है. यह भी कि दुनिया में तीन लोगों की सत्ता है. पहली इनसान की, दूसरी शैतान की और तीसरी भगवान की.इस मौके पर पूर्व आइजी विनोद कुमार ने कहा कि जब बच्चा मां के गर्भ से बाहर आता है, उससे पहले ही भगवान उसके रहने, पढ़ने, खाने, नौकरी व मौत का इंतजाम कर देते हैं. दुनिया में होनेवाली घटनाएं उसकी तय समय के साथ होती हैं. उन्होंने कहा कि आज सिर्फ किताबी ज्ञान देकर बच्चों की बौद्धिक क्षमता बढ़ायी जाती है, लेकिन शिक्षा ऐसी जिससे बच्चों का आइक्यू के साथ-साथ एसक्यू (आध्यात्मिक क्षमता) व इक्यू (भावनात्मक क्षमता) भी बढ़े.इस मौके पर पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, गोह विधायक मनोज शर्मा, प्रोफेसर सोमनाथ प्रसाद, विधान पार्षद कृष्ण कुमार उर्फ कुमार बाबू ने भी अपने संबोधन में नारी शिक्षा को बढ़ावा और संस्कार आधारित शिक्षा देने की अपील की. वक्ताओं ने अभिभावकों से बच्चों पर अपनी आकांक्षाओं को नहीं थोपने व उनकी इच्छाओं का ध्यान रखने का आग्रह किया. कार्यक्रम में स्कूल की छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर उपस्थित लोगों काे भावविभोर कर दिया. अपनी प्रस्तुतियों में छात्राओं ने बेटी बचाने व बेटी पढ़ाने अौर महिला सशक्तीकरण पर बल दिया. इस मौके पर सभी अतिथियों को मारुति स्कूल के निदेशक रिटायर्ड शिक्षक रामाशीष शर्मा व सचिव डॉ राकेश कुमार ने अंग वस्त्र व माला पहना कर सम्मानित किया.

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