गया: समाहरणालय के सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी (डीएम) बाला मुरुगन डी ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को प्रखंड मुख्यालयों में रहने व महीने में न्यूनतम 30 स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया. उन्होंने छात्रवृत्ति वितरण से पहले स्कूलों का रिव्यू करने की भी सलाह दी. डीएम ने अपने निर्देश में कहा है कि एक ही दिन में छात्रवृत्ति वितरण सुनिश्चित किया जाये.
डीएम ने कहा है कि छात्रवृत्ति वितरण से पहले बैंकों से पैसे की निकासी कर थाने में रखने और कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच पैसे बांटने का निर्देश दिया. इसके लिए कैलेंडर पहले ही जारी किया जा चुका है. उल्लेखनीय है कि आगामी 16 दिसंबर से छात्रवृत्ति की रकम का वितरण होना है.
तुरंत बहाल हों 2100 रसोइये: उधर, डीएम ने मध्याह्न् भोजन योजना की समीक्षा के दौरान स्वीकृत 230 किचेन शेड में से अब तक 71 का ले-आउट नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए तीन दिनों के अंदर ले-आउट तैयार कराने का सख्त निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि मध्याह्न् भोजन बनाने के लिए जिले में 9877 रसोइयों की जगह मात्र 7733 ही नियुक्त हैं. उन्होंने तीन दिनों के अंदर शेष 2100 रसोइये बहाल करने का भी निर्देश दिया.
सिविल कार्यो में विलंब पर जतायी नाराजगी : पुरानी किचेन शेड की मरम्मत कराने व स्थानीय कारणों से स्कूलों में मध्याह्न् भोजन बंद रहने पर रोष प्रकट करते हुए डीएम ने कहा कि एक भी स्कूल में मध्याह्न् भोजन बंद नहीं रहना चाहिए. सर्व शिक्षा के तहत भवन निर्माण समेत अन्य प्रकार के सिविल कार्य में शिथिलता बरते जाने पर डीएम ने घोर आपत्ति जतायी. उदाहरणस्वरूप उन्होंने कहा कि चिरैला स्कूल में दो साल से निर्माण कार्य इसलिए लंबित है कि दूसरी किस्त मांगे जाने पर भी नहीं दी जा सकी है. इस पर संबंधित अधिकारियों को चिह्न्ति करने का भी डीएम ने आदेश दिया.
शिक्षक नियोजन की भी हुई समीक्षा : डीएम ने शिक्षक नियोजन की स्थिति की भी समीक्षा की. डीएम ने कहा कि पंचायतों में काफी शिक्षकों ने योगदान किया है. शेष रिक्त पदों को भरने के लिए आवश्यक कदम उटाये जायें. बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी राजीव रंजन प्रसाद, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) एस हांसदा, मध्यान्ह भोजन योजना के जिला प्रभारी मो. शफीक, सभी प्रखंडों के साधनसेवी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, अभियंता आदि भी उपस्थित थे.