बोधगया: रोजगार देनेवाली देश की बड़ी निजी कंपनियों में शामिल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) द्वारा मगध विश्वविद्यालय (एमयू) को फर्जी करार दिये जाने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है.
विश्वविद्यालय टीसीएस को लीगल नोटिस जारी करने की तैयारी लगभग पूरी कर चुका है. टीसीएस द्वारा जारी एक इंटरनल लेटर में एमयू को फर्जी विश्वविद्यालय बताये जाने को आधार बनाते हुए उससे सवाल पूछे जायेंगे. विश्वविद्यालय के लीगल इंचार्ज डॉ दीपक कुमार ने शुक्रवार को कहा कि टीसीएस को बगैर जांच-पड़ताल के एमयू के लिए फर्जी शब्द का प्रयोग करना कानूनन गलत है. इससे एमयू की छवि पर बुरा असर पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि इस विषय पर विचार-विमर्श के बाद एमयू ने निर्णय लिया है कि टीसीएस के सीइओ को लीगल नोटिस जारी कर जवाब मांगा जायेगा. उन्होंने बताया कि एमयू के वकील अजय कुमार श्रीवास्तव ने शुक्रवार को नोटिस का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. शनिवार को कुलसचिव डॉ डीके यादव के हस्ताक्षर के बाद कंपनी के पते पर नोटिस भेजा जा सकता है.
गौरतलब है कि टीसीएस ने अपने चार कर्मचारियों को नौकरी से इसलिए हटा दिया था कि उन लोगों की शैक्षणिक डिग्रियां मगध विश्वविद्यालय की हैं. इधर, वीसी प्रो नंदजी कुमार ने कहा कि उन्होंने लीगल इंचार्ज को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. अधिवक्ता द्वारा तैयार नोटिस को टीसीएस को भेजने की प्रक्रिया जारी है.