गया: सनकी व सिरफिरे हत्यारों के हमले की शिकार हुई सोनास गांव की पांचों बच्चियां एक ही परिसर में स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय व राजकीय मध्य विद्यालय में पढ़ती थीं. हत्यारों की भेंट चढ़ी जूली उच्च विद्यालय में 10वीं, स्वीटी कुमारी व मनीषा कुमारी नौवीं कक्षा में पढ़ती थी. मध्य विद्यालय में रेशमा सातवीं और अमिषा पांचवीं कक्षा में पढ़ती थी.
इन चारों की हत्या की जानकारी मिलते ही सुबह-सुबह मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक जयराम भुइंया और उच्च विद्यालय के प्रभारी रामाशीष शर्मा सहित शिक्षक प्रिंस कुमार व रणवीर कुमार भी वहां पहुंचे. घटनास्थल से करीब 200 गज की दूरी पर ही स्कूल स्थित है. घटना का जायजा लेने आये अधिकारियों का जमावड़ा भी स्कूल के पास ही लगा रहा. सुबह नौ बजे बच्चे पढ़ने आये, लेकिन इस घटना से शिक्षक भी मायूस थे. औपचारिक रूप से एक खुले मैदान में एक शोकसभा आयोजित कर बच्चों को छुट्टी दे दी गयी.
उच्च विद्यालय के प्रभारी रामाशीष शर्मा ने बताया कि वर्ष 2012 में इस गांव में उत्क्रमित उच्च विद्यालय खोला गया. इस विद्यालय में 10वीं कक्षा में 31 और नौवीं कक्षा में 52 छात्र-छात्राएं हैं. जूली, स्वीटी व मनीषा इसी स्कूल में पढ़ती थीं. मनीषा पढ़ने में सबसे तेज थी. उसकी बातों से लगता था कि वह आगे चल कर अच्छा करेगी. शिक्षक ने कहा कि हर विषय उन्हें ही पढ़ाना पड़ता है. पढ़ाते समय मनीषा हमेशा कुछ न कुछ सवाल किया करती थी. वह कहते हैं कि अपने जीवन में ऐसी घटना उन्होंने पहली बार देखी है.
एक साथ उनके स्कूल के पांच बच्चों की हत्या की खबर सुनते ही उनका शरीर सिहर उठा. उन्हें इतनी हिम्मत तक नहीं हुई कि वह बच्चियों के शव को देख सकें. इधर, मध्य विद्यालय के प्रभारी जयराम भुइंया ने कहा कि उनका घर गया जिले के नक्सलग्रस्त इमामगंज थाना क्षेत्र में है. हत्या की कई घटनाएं देखी हैं. लेकिन, एक साथ पांच मासूम बच्चियों की हत्या की घटना पहली बार देखी. उनका घर स्कूल से करीब सौ किलोमीटर दूर होने के कारण वह पास के पथरा गांव में ही रहते हैं. सुबह में पथरा गांव के बच्चों ने ही हल्ला किया कि सर, मर्डर हो गया है. घटना की जानकारी सुन कर वह वहां पहुंचे तो घर का मंजर देख ठहर नहीं सके. कल तक अपनी आंखों के सामने पांचों बच्चियों को हंसते-खेलते पढ़ते देखते थे. अब पांचों बच्चियां हमारे बीच नहीं रहीं. रह-रह कर पांचों बच्चियों का चेहरा उनके दिमाग में घूम रहा है.
शिक्षक ने कहा कि उनके स्कूल में मायूसी छा गयी है. न तो किसी को पढ़ने का मन कर रहा है और न ही पढ़ाने का. स्कूल में बच्चे आये थे. शोक मना कर छुट्टी दे दी गयी. बच्चों के जाने के बाद भी सभी शिक्षक स्कूल में चुपचाप बैठे रहे.