नगर आयुक्त ने माना, निगम में हो रही धांधलीफ्लैग — नये साल में कई कर्मचारियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार टैक्स कलेक्शन, सेल्फ असेसमेंट व समेकित आवास व मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम के नाम पर हो रही गड़बड़ीप्रसनजीत, गया नगर निगम में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. खासकर पैसों के मामले में. यहां कई स्तर पर धांधली है. यह सब कुछ अंदर ही अंदर चल रहा है. यह मानना है नगर आयुक्त विजय कुमार का. बातचीत में नगर आयुक्त का स्पष्ट संकेत दिया कि निगम में कई स्तरों पर धांधली है, जिसकों लेकर वह स्वयं चिंतित हैं. उन्होंने कई ऐसी घटनाओं का जिक्र भी किया, जिसकी पड़ताल उन्होंने खुद की है. इनमें टैक्स कलेक्शन में गड़बड़ी, सेल्फ असेसमेंट के नाम पर गड़बड़ी, समेकित आवास व मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम (आइएचएसडीपी) के नाम पर गड़बड़ी जैसे कई मामले सामने आ रहे हैं. नगर आयुक्त अब कार्रवाई की तैयारी में हैं. उनके तेवर कड़े नजर आ रहे हैं. ऐसे में जाहिर है कि नया साल कई कर्मचारियों के लिए मुसीबत बन सकता है. नये साल में कई मामलों की जांच भी शुरू हो सकती है. अब देखना यह है कि जांच में कौन-कौन लोग सामने आते हैं. क्या केवल छोटे कर्मचारियों पर ही गाज गिरेगी, या फिर बड़े साहेब भी इसकी जद में आयेंगे. आवास योजना में हो रही अवैध वसूली बातचीत में नगर आयुक्त ने बताया कि कुछ दिन पहले वह वार्ड-11 गये थे. यहां समेकित आवास व मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम (आइएचएसडीपी) के तहत बन रहे मकानों के नाम पर 60-60 हजार रुपये की हो रही वसूली की शिकायत मिली थी. शिकायत किसी दयमंती देवी ने की थी. जांच के दौरान उस समय हैरानी हुई, जब यह पता चला कि उक्त महिला ने खुद ही कई लोगों से इस योजना के तहत बन रहे मकानों के नाम पर पैसे ले चुकी है. नगर आयुक्त ने बताया कि वार्ड के किसी पूर्व वार्ड पार्षद ने हेर-फेर कर इस योजना के तहत चार मकान तैयार करा लिये हैं. इसके अलावा कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने वार्ड-11 के नाम पर पैसे लिये और मकान कहीं और बनवा रहे हैं. नगर आयुक्त ने स्पष्ट कर दिया है कि अब पूरे निगम क्षेत्र में इस योजना की जांच शुरू होगी. दोषी पाये जानेवाले हर व्यक्ति, चाहे वह लाभुक ही क्यों न हो, पर एफआइआर होगी. टैक्स असेसमेंट के नाम पर भी धांधली सेल्फ टैक्स असेसमेंट के नाम पर भी नगर निगम में कई गड़बड़ियों के संकेत नगर आयुक्त ने दिये हैं. उन्होंने बताया कि कई जगहों से यह बात सामने आयी है कि टैक्स कलेक्टरों ने गलत तरीके से प्रोपर्टी का असेसमेंट किया है. कई जगहों पर मकान मालिक की जगह किरायेदार ने टैक्स कलेक्टर के साथ मिलीभगत कर अपने नाम पर प्रोपर्टी का असेसमेंट करा लिया है, ताकि वह मकान पर अपना दावा कर सके. ऐसे कई मकान मालिकों ने नगर निगम में शिकायत दर्ज करायी है. इस मामले की भी जांच शुरू होगी. दोषी टैक्स कलेक्टरों व किरायेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है. नगर आयुक्त ने बताया कि असेसमेंट में हुई गड़बड़ी से निगम को राजस्व नुकसान हो रहा है. पैसे लिये 29000, जमा किये 2900 —- बॉक्सहोल्डिंग टैक्स वसूली में धांधली का एक नया उदाहरण गुरुवार को ही सामने आ गया. हरेराम राय नाम के किसी टैक्स कलेक्टर (टीसी) ने वार्ड-21 के रहनेवाले अहमदुल्ल्लाह से होल्डिंग टैक्स के तौर पर 29,000 रुपये लिये, लेकिन निगम में मात्र 2900 रुपये ही जमा कराये. नगर आयुक्त ने उक्त टीसी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जवाब देने के लिए उक्त टीसी को तीन दिनों का समय दिया गया है. नगर आयुक्त ने बताया कि मामला सामने आने के बाद उक्त टीसी ने शेष बचे पैसे तो जमा करा दिये हैं, लेकिन इससे उसका अपराध कम नहीं होता. गड़बड़ी बरदाश्त नहीं, होगी जांचनिगम में गड़बड़ी के कई मामले सामने आ रहे हैं, यह बरदाश्त नहीं किया जा सकता है. इससे नगर निगम की छवि खराब हो रही है. साथ ही, निगम को कई तरह से आर्थिक स्तर पर भी नुकसान हो रहा है. सभी मामलों की जांच होगी. जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ एफआइआर करायी जायेगी. विजय कुमार, नगर आयुक्त
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नगर आयुक्त ने माना, निगम में हो रही धांधली
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