गया : विश्व एड्स दिवस पर रविवार को जयप्रकाश नारायण (जेपीएन) अस्पताल में कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमें एचआइवी व एड्स पर विस्तार से चर्चा की गयी. साथ ही बताया गया कि जानकारी ही एड्स से बचाव का सबसे बेहतर विकल्प है.
आम आदमी तक बचाव के उपाय बता कर बड़ी आसानी से एड्स पर नियंत्रण किया जा सकता है. इससे पूर्व अस्पताल परिसर से जन-जागरूकता रैली निकाली गयी, जो समाहरणालय तक गयी और पुन: अस्पताल में लौट गयी. रैली में दीक्षा कॉन्वेंट के छात्र व शिक्षक भी शामिल थे.
जेपीएन अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसजेड अहसन ने हरी झंडी दिखा कर जन-जागरूकता रैली को रवाना किया. रैली का नेतृत्व दीक्षा कॉन्वेंट के प्रिंसिपल संजय कुमार वर्मा व शिक्षक कपिल प्रसाद ने संयुक्त रूप से की. इस स्कूल के 41 छात्र रैली में शामिल हुए.
दूसरी ओर जेपीएन अस्पताल के ओपीडी में आइसीटीसी के प्रभारी डॉ सुरेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसे बतौर मुख्य वक्ता आइसीटीसी के पूर्व काउंसिलर डॉ दिलीप कुमार ने संबोधित करते हुए एचआइवी व एड्स की जानकारी विस्तार से दिया. उन्होंने बताया कि एचआइवी मानव पर हमला कर रक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है.
इससे अन्य रोग आसानी से हमला करने में कामयाब हो जाता है. ऐसे में एचआइवी व अन्य रोगों से लड़ने के लिए व्यक्ति को अधिक ताकत व पोषक तत्वों की जरूरत होती है. अन्यथा वह कुपोषण का शिकार बन जाता है और एचआइवी और भी वृहद् रूप धारण कर लेता है.
यह आवश्यक नहीं है कि पोषक खाद्य पदार्थ महंगी हो, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध खाद्य सामग्री से भी स्वास्थ्य वर्धक भोजन की व्यवस्था की जा सकती है. उन्होंने कहा कि असुरक्षित यौन संबंध बनाने से ही एचआइवी संक्रमण फैलता है. इसका कोई अन्य कारण नहीं है. वह तो सिर्फ एचआइवी पीड़ितों के लिए बहाना मात्र है.
मामूली सावधानी बरत कर इससे बचना आसान है. एड्स लाइलाज जरूर है. पर, यह स्वत: नहीं फैलता है. एकमात्र संवाहक मानव ही है. उन्होंने कहा कि एड्स पीड़ित व्यक्ति संयमित रह कर सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं.
कार्यशाला को काउंसिलर शाकरा रहमान, लैब टेक्नीशियन सहजानंद सिंह, रजनीश कुमार, अरविंद कुमार आदि ने भी संबोधित किया. इस मौके पर अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे, पर सिविल सजर्न समेत एक भी बड़े अधिकारी मौजूद नहीं थे.